नकली कब्रिस्तान में शूट हुआ था डॉन का क्लाइमैक्स, तब जिंदा लोगों को जीते जी दिखा दी थी ‘जन्नत’

जीते जी जन्नत देखना आसान नहीं है। मगर कई बार यह हसरत पूरी हो जाती है। फिल्म डॉन के यूनिट मेंबर्स के साथ भी ऐसा हुआ था। उन्होंने एक वाकये ने जीते जी जन्नत दिखा दी। जिंदा रहते हुए कब्र पर उनके दर्ज करा दिए थे। पढ़िए यह मजेदार किस्सा। फिल्म का बजट बेहद कम था। ज्यादातर इसकी शूटिंग मांगी हुई जगहों पर हुई। कई सीन दूसरी फिल्मों के तैयार सेट्स पर शूट हुए। बारी थी क्लाइमैक्स सीन की, जो कब्रिस्तान की लोकेशन थी। कब्रिस्तान नहीं मिला था। ऐसे में नकली कब्रिस्तान तैयार किया गया। फिल्म के सेट के रूप में।

यही मौका था, जब जीते जी यूनिट के लोगों के जन्नत दिखा दी गई। हुआ यूं था कि डायरेक्टर असली कब्रिस्तान में सीन शूट करना चाहते थे। जबकि प्रड्यूसर ने पहले ही न-नुकुर कर दी थी। ऐसे में कब्रिस्तान का सेट तैयार कराया गया। मुंबई के चांदीवली स्टूडियो में वह 21 दिनों में बन पाया।

दिन था शूटिंग का। सब कलाकार पहुंचे। पूरी यूनिट भी इस दौरान मौजूद थी। अचानक किसी का ध्यान गया तो देखा कि कब्र पर नाम नहीं लिखे थे। इस काम के लिए ज्यादा वक्त नहीं था। लिहाजा जो कब्र फ्रेम में आ रही थीं, उन पर नाम लिखे गए। ये सभी नाम यूं ही हवा में नहीं लिखे गए थे। ये फिल्म की यूनिट के लोगों के नाम थे। मसलन एलफ्रेड डिसूजा और फेलिक्स ब्रिगैंजा वगैरह। इनमें से कोई कैमरामैन था तो कोई दूसरे विभाग का काम संभालने वाला था। ऐसे में सोचिए इस कलाकारी से उन लोगों को जीते जी जन्नत दिखा दी गई थी।

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