नक्सली यदि हथियार डाल दें, वार्ता के रास्ते खुले हैं: राज्यपाल
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर कहा कि यदि नक्सली हथियार डाल दें तो उनसे वार्ता के रास्ते खुले हुए हैं। राज्यपाल बलरामजी टंडन ने शुक्रवार को पुलिस परेड मैदान में 69वें गणतंत्र दिवस समारोह में ध्वजारोहण किया और मार्च पास्ट की सलामी ली। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवादी हमारे संविधान और लोकतंत्र का सम्मान करें और हथियार डाल दें तो उनसे वार्ता के रास्ते भी खुले हुए हैं। लेकिन किसी भी हालत में हिंसा और संविधान विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
टंडन ने कहा कि भारतीय संविधान लागू होने के इस महापर्व के अवसर पर देश की एकता और अखंडता की रक्षा व आंतरिक सुरक्षा के लिए दी गई शहादतों का सम्मान करना हमारा परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि इस महान राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर वह उन समस्त विभूतियों को नमन करते हैं, जिन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई में अमूल्य योगदान दिया और देश को आजादी दिलाई।
भारतीय सेना और सुरक्षा बलों के उन अमर शहीदों को भी नमन करते हैं, जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान देकर देश की रक्षा की और उन तमाम जवानों का भी अभिनंदन करते हैं, जो सीमाओं पर तैनात रहकर हमारे देश की एकता और अखंडता की रक्षा कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान निर्माताओं और विशेषकर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद व बाबा साहब आंबेडकर की भावनाओं के अनुरूप भारतीय गणतंत्र को असीम ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा को जमीनी हकीकत में बदलते हुए देश में जीएसटी लागू किया और भारत को विकसित देशों की कर-प्रणाली में खड़ा कर दिया है। नई खनिज नीति के साथ ऐसी अनेक नीतियां और योजनाएं लागू की गर्इं, जिससे भारत का आर्थिक, सामाजिक आधार मजबूत हुआ है। खुशी है कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश की जो नई विकास यात्रा शुरू हुई है, उसमें छत्तीसगढ़ राज्य भी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
टंडन ने कहा कि राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य को नई पीढ़ी के निर्माण का मुख्य माध्यम बनाया गया है। शिक्षा के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए विद्यालयों व महाविद्यालयों की संख्या में बढ़ोतरी की गई, जिसके परिणामस्वरूप प्रवेश दर में वृद्धि हुई शालात्यागी दर में कमी आई व गुणवत्ता में सुधार हुआ। राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों को बेहतर शिक्षा से बेहतर रोजगार की ओर ले जाने के प्रयास सफल हो रहे हैं। इन वर्गों के करीब सात सौ बच्चे आइआइटी, एनआइटी, मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश पा चुके हैं। वहीं उत्कर्ष आदिवासी यूथ हॉस्टल नई दिल्ली में रहकर तैयारी करने वाले 21 युवाओं का चयन यूपीएससी, पीएससी व अन्य सेवाओं में हुआ है। राज्यपाल ने कहा कि हमारी नीतियों और योजनाओं की सफलता की कसौटी किसान भाई-बहनों की समृद्धि और खुशहाली में होती है। इस वर्ष शून्य फीसद ब्याज दर पर 38 सौ करोड़ रुपए कृषि कर्ज वितरण का बड़ा लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से लगभग 33 सौ करोड़ रुपए के कृषि ऋण का उठाव अभी तक हो चुका है।