नगालैंड चुनाव: बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस ने लिया बड़ा फैसला- जहां उम्‍मीदवार नहीं, वहां दूसरे को समर्थन

भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों को “नगालैंड के लोगों के जीवन जीने के तरीकों के साथ खिलवाड़ करने से रोकने” के लक्ष्य से कांग्रेस उन विधानसभा सीटों पर धर्मनिरपेक्ष उम्मीदवारों का समर्थन करेगी जिन सीटों पर वह स्वयं चुनाव नहीं लड़ रही है। कांग्रेस ने 27 फरवरी को होने वाले 60 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 19 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। कांग्रेस के 20 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था, लेकिन उनमें से एक ने बाद में नामांकन वापस ले लिया। नगालैंड प्रदेश कांग्रेस समिति ने एक बयान में कहा, ‘‘इस फैसले का लक्ष्य भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों को हमारे लोगों के अधिकारों को कमजोर करने और हमारी जीवन पद्धति में खलल डालने से रोकना है।’’

पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार, कांग्रेस के अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए वह धर्मनिरपेक्ष दलों के प्रत्याशियों का समर्थन करें। भाजपा ने नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ गठबंधन किया है। गठबंधन का नेतृत्व तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके और वर्तमान सांसद नीफियू रियो कर रहे हैं। भाजपा और एनडीपीपी प्रदेश की 60 में से क्रमश: 20 और 40 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।

वहीं, नगालैंड में 27 फरवरी को होने वाला विधानसभा चुनाव पूर्ण रूप से स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 281 कंपनियां तैनात की जाएंगी। राज्य के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने उक्त जानकारी दी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिन्हा के मीडिया प्रकोष्ठ ने रविवार शाम बताया कि केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 281 कंपनियों में से 77 कंपनियां यहां पहुंच चुकी हैं और उन्हें पूरे प्रदेश में तैनात कर दिया गया है। सशस्त्र बल के कर्मियों को पुलिस नाकों पर भी तैनात किया जा रहा है ताकि नकदी की आवाजाही, हथियारों, शराब और अन्य अवैध सामग्री की तस्करी पर लगाम लगाई जा सके। मीडिया प्रकोष्ठ ने बताया कि सशस्त्र बल की शेष 204 कंपनियां त्रिपुरा में 18 फरवरी को चुनाव खत्म होने के बाद यहां आएंगी।

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