नजीब केस: एबीवीपी स्टूडेंट्स ने जेएनयू कैंपस में की तोड़फोड़
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े छात्रों ने शुक्रवार (27 अक्टूबर) को न केवल विरोध प्रदर्शन किया बल्कि वहां जमकर तोड़फोड़ की है। ये लोग रिसर्च स्कॉलर नजीब अहमद की गुमशुदगी मामले में सीबीआई और जेएनयू प्रशासन की पूछताछ से खफा थे। एबीवीपी के छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन और सीबीआई के अधिकारी आए दिन छात्रों को पूछताछ के बहाने प्रताड़ित करते रहते हैं। बता दें कि नजीब अहमद को लापता हुए एक साल हो गए लेकिन अभी तक उसका सुराग सीबीआई नहीं लगा सकी है।
टाइम्स नाऊ के मुताबिक प्रदर्शनकारी छात्र यूनिवर्सिटी के डीन (स्टूडेन्ट्स) उमेश कदम के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे और उनके दफ्तर के आगे तोड़फोड़ कर रहे थे। छात्रों का एक धड़ा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगा रहा है। नजीब केस में सीबीआई के अनुरोध पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 25 अक्टूबर को 9 छात्रों को समन जारी किया है। ताकि उनका पॉलियोग्राफी टेस्ट कराया जा सके। कोर्ट का समन 26 अक्टूबर की रात में होस्टल के वार्डेन के जरिए इन छात्रों को दिया गया है। छात्रों का आरोप है कि इस दौरान सीबीआई और दिल्ली पुलिस के अधिकारी न केवल जबरन उनके हॉस्टल में घुसे बल्कि छात्रों के साथ बदतमीजी भी की।
गौरतलब है कि नजीब अहमद की गुमशुदगी के मामले को एक साल हो गया लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। दिल्ली हाई कोर्ट भी सीबीआई जांच से खुश नहीं है। इस केस की जांच में तेजी की मांग कर रहे जेएनयू और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने कुछ दिनों पहले ही सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर ‘चलो हाई कोर्ट’ कैंपेन शुरु किया है। नजीब की मां फातिमा नफीस द्वारा उसे ढूंढने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जिसकी सुनवाई के दौरान छात्र और कार्यकर्ताओं ने हाईकोर्ट के बाहर जमा होकर प्रदर्शन किया था
पुलिस की जांच से नाखुश होकर हाई कोर्ट ने इस साल 16 मई को नजीब केस की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपी थी। बायोटेक्नोलॉजी का शोध छात्र 27 वर्षीय नजीब 15 अक्तूबर 2016 को जेएनयू परिसर के माही-मांडवी हॉस्टल से लापता हो गया था। उसकी तलाश में परिवार के लोग अब भी जुटे हुए हैं। एक साल के बाद भी उसका सुराग नहीं लगा पाने पर और नजीब की सकुशल बरामदगी की मांग पर 20 अक्टूबर को छात्र इकाई कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मंच साझा किया था।