नरेंद्र मोदी के तीन मुखर विरोधियों संग ममता का मंथन, राजद सांसद के घर पकेगी सियासी खिचड़ी!

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। इस बीच वो असम के राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में 40 लाख लोगों को बाहर किए जाने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से तो मिलेंगी ही विपक्षी राजनीति को धार देने और 2019 के चुनाव में जीत की रणनीति बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन मुखर विरोधियों संग भी चर्चा करेंगी। टीएमसी सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी मंगलवार (31 जुलाई) को राजद के राज्य सभा सांसद राम जेठमलानी के घर पर जाकर उनसे मुलाकात करेंगी। वहीं पर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी आएंगे। इन तीनों नेताओं के साथ ममता बनर्जी 2019 की रणनीति पर मंथन करेंगी। बता दें कि ये तीनों नेता पीएम मोदी के प्रबल समर्थक रहे हैं लेकिन बाद में तीनों ही मुखर विरोधी हो गए। यशवंत सिन्हा ने तो पार्टी भी छोड़ दी है और अलग मोर्चे का गठन कर लिया है।

तीन दिनों के दौरे के क्रम में ममता बनर्जी प्रस्तावित महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ भी उनकी मुलाकात प्रस्तावित है। इनके अलावा वो एनसीपी प्रमुख शरद पवार, बीएसपी प्रमुख मायावती और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं। चार दिन पहले ही नेशनल कॉन्फ्रेन्स के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला कोलकाता जाकर ममता बनर्जी से मुलाकात कर चुके हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि 19 जनवरी को कोलकाता में प्रस्तावित रैली में शामिल होने का न्यौता देने के लिए ममता बनर्जी यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगी।

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रॉयन ने बताया कि पीएम मोदी के एक और मुखर विरोधी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी चूंकि अभी दिल्ली में नहीं हैं, इसलिए वो बाद में कोलकाता जाकर दीदी से मुलाकात करेंगे। वो कैथोलिक ईसाई समूह के एक सम्ममेलन में भी हिस्सा लेंगी, जहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले को लेकर ममता मोदी सरकार पर हमलावर हो सकती हैं। एनआरसी मुद्दे पर भी विपक्षी दलों के साथ चर्चा करेंगी और केंद्र सरकार पर हल्ला बोलेंगी। ममता सोमवार (30 जुलाई) को ही एनआरसी के ड्राफ्ट पर उंगली उठा चुकी हैं और कह चुकी हैं कि बिहार और बंगाल के लोगों को असम से बाहर करने के लिए एनआरसी से 40 लाख लोगों को साजिशन बाहर किया गया है।

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