नरेंद्र मोदी के विरोध का था डर, 100 साल में पहली बार रद्द हुआ साइंस कांग्रेस
इंडियन साइंस कांग्रेस के 100 साल से भी ज्यादा के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब अगले साल इसका आयोजन नहीं किया जाएगा। 105वें साइंस कांग्रेस का आयोजन उस्मानिया यूनिवर्सिटी में किया जाना था, लेकिन छात्रों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध की आशंका को देखते हुए विवि प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं, उस्मानिया यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एस. रामचंद्रन ने कहा कि साइंस कांग्रेस के रद होने के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। साइंस कांग्रेस में देश के विभिन्न हिस्सों के वैज्ञानिक भाग लेते हैं।
इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अच्युत सामंता की रिपोर्ट के बाद यह फैसला लिया गया है। विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की है। हैदराबाद में 3-7 जनवरी तक वैज्ञानिकों का सबसे बड़ा जमावड़ा होने वाला था। बताया जा रहा है कि सुरक्षा अधिकारियों को विभिन्न मुद्दों को लेकर उस्मानिया यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा पीएम मोदी का विरोध करने की आशंका थी। जानकारी के मुताबिक, छात्र दलितों और अल्पसंख्यकों के मसले पर पीएम का विरोध करने की योजना बनाई थी। इसके अलावा छात्र तेलंगाना में नई नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के खिलाफ भी नाराजगी जताने का प्लान बना रखा है।
एसोसिएशन के महासचिव प्रोफेसर गंगाधर ने कहा, ‘मंगलवार रात को उस्मानिया यूनिवर्सिटी के कुलपति ने हमें बताया कि विवि परिसर में अशांति के चलते साइंस कांग्रेस का तय तिथि पर आयोजन कर पाना संभव नहीं हो सकेगा। एक छात्र आत्महत्या कर चुका है और इसके अलावा अन्य कारण भी हैं। यह खबर हमलोगों के लिए चौंकाने वाला है, क्योंकि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।’ सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा अधकिारियों ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को छात्रों द्वारा बाधा पैदा करने की जानकारी पहले ही दे दी थी। प्रो. गंगाधर ने बताया कि इसको लेकर आपात बैठक बुलाई गई है। 27 दिसबंर को अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा।