नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने वाली शिव सेना को देवेंद्र फडणवीस ने चेताया- सोच लें, गठबंधन चाहिए या नहीं

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार में साझीदार शिव सेना और उसके प्रमुख उद्धव ठाकरे को “दोहरे मापदण्ड” अपनाने को लेकर चेतावनी दी है। फडणवीस ने ठाकरे से कहा है कि वो फैसला कर लें कि उन्हें बीजेपी के साथ गठबंधन जारी रखना है या नहीं। साल 2014 में हुए महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में राज्य की कुल 288 सीटों में बीजेपी को 122 सीटों पर जीत मिली थी। शिव सेना को 63 और कांग्रेस को 42 और एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं। राज्य में बहुमत के लिए 145 सीटें चाहिए। बीजेपी ने राज्य में शिव सेना के समर्थन से सरकार तो बना ली लेकिन दोनों दलों के बीच पिछले तीन साल से तनातनी जारी है। उद्धव ठाकरे नरेंद्र मोदी सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक, नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दे पर आलोचना करते रहे हैं।

देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार (27 अक्टूबर) एक कार्यक्रम में कहा, “सेना हमारे हर फैसले का विरोध करती है। वो अपनी राय दे सकते हैं लेकिन वो एक साथ ही सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों की भूमिका नहीं निभा सकते।” फडणवीस ने आगे कहा, “एक पार्टी के तौर पर उद्धव जी को फैसला लेना है। वो जो तस्वीर पेश कर रहे हैं वो लोगों को पसंद नहीं आ रही है। बाला साहब हर फैसले को नकात्मक तरीके से नहीं देखते थे, न ही उद्धव जी ऐसा करते हैं लेकिन उनके कुछ नेता खुद को पार्टी प्रमुख से ऊपर समझते हैं और ऐसे बयान देते हैं।”

माना जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस का इशारा वरिष्ठ शिव सेना नेता संजय राउत के उस बयान की तरफ था जिसमें उन्होंने कहा था कि “मोदी लहर खत्म हो चुकी है।” एक टीवी कार्यक्रम में संजय राउत ने दावा किया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। राउत ने राहुल की तारीफ करते हुए कहा, “लोग उनकी बात सुनना चाहते हैं…उन्हें पप्पू कहना गलत है।” महाराष्ट्र में बीजेपी और शिव सेना दो दशकों से ज्यादा  समय से साझीदार हैं।

 

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