नाबालिग बेटे से कराता था जिस्मफरोशी और यौन शोषण, कोर्ट ने सुनाई दंपत्ति को 12 साल की जेल

जर्मनी की एक अदालत ने अपने नाबालिग बेटे के कथित यौन शोषण और उसे पिछले दो साल से ज्यादा समय से बाल यौन दुराचारियों के पास भेजने के लिए एक दंपति को जेल की सजा सुनायी। फ्रेइबर्ग ने देश को झकझोरकर रख देने वाली और बाल सुरक्षा सेवाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े करने वाले मामले में लड़के की मां बेरिन ताहा को साढ़े 12 साल की जेल की सजा सुनायी। उसके पति और लड़के के सौतेले पिता क्रिस्टियन लाइस को 12 साल की जेल की सजा सुनायी गयी। इससे पहले उसे एहतियाती हिरासत में रखा जाएगा। बच्चे की उम्र इस समय 10 साल है। लाइस (39) को पूर्व में भी बच्चों के शोषण के मामले में दोषी करार दिया जा चुका है। इस वजह से सवाल उठ रहे हैं कि वह ऐसे घर में कैसे रह रहा था जहां एक बच्चा मौजूद था।

अदालत को पता चला कि बेरोजगार दंपति ने बच्चे का यौन शोषण किया और उसे मई, 2015 से अगस्त, 2017 के बीच तथाकथित डार्कनेट (आॅनलाइन जिस्मफरोशी) के जरिये जिस्मफरोशी में ढकेल दिया। न्यायाधीश स्टीफन बूएरगेलिन ने बलात्कार, बच्चे के यौन शोषण, जबरन जिस्मफरोशी और चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के वितरण का दोषी करार दिया। उनपर लड़के और एक दूसरी पीड़िता लड़की को पहुंचाए गए नुकसान के लिए 42,500 यूरो (48,200 डॉलर) का जुर्माना भी लगाया गया।

इससे पहले कल अदालत ने स्पेन के नागरिक जेवियर गोंजालेज डियाज को लड़के के माता पिता को पैसे देने के बाद बार बार उसका यौन शोषण करने के लिए 10 साल की जेल की सजा सुनायी थी।  मामला पिछले साल सितंबर को मिली गोपनीय सूचना के बाद सामने आया। इस सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया और आॅनलाइन बाल यौन दुराचार गिरोह में शामिल होने का मामला दर्ज किया गया। लड़का इस समय सरकारी संरक्षण में है।

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