नायडू ने दिया ‘दगा’ तो अब उनके विरोधी संग दांव खेलने में जुटी बीजेपी, मोदी संग KCR की मुलाकात से बल
जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनैतिक गलियारों में नए-नए समीकरण उभरते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ही एक समीकरण उभरता दिखाई दे रहा है दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना और केन्द्र की मोदी सरकार के बीच। बता दें कि शनिवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों के बाद के हालात पर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई है। द एशियन एज तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ गठबंधन करने की संभावना बेहद ही कम है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनावों के बाद दोनों ही पार्टियों ने अपने पत्ते खुले रखे हैं।
गौरतलब बात है कि बीती 20 जुलाई को जब टीडीपी द्वारा संसद में केन्द्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, तो उस वक्त टीआरएस ने ऐन मौके पर वॉक आउट करने का फैसला किया था। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि अविश्वास प्रस्ताव के बाद हो रही टीआरएस प्रमुख और पीएम मोदी की मुलाकात के कई मायने हैं। बता दें कि टीआरएस की विरोधी पार्टी टीडीपी ने कुछ समय पहले ही भाजपा से नाता तोड़ा है, अब भाजपा और टीआरएस की बढ़ती नजदीकियों ने राजनैतिक सर्किल में काफी चर्चाएं हैं। सूत्रों के अनुसार, चर्चाओं से इतर चंद्रशेखर राव की पीएम मोदी से मुलाकात का फोकस राज्य से जुड़े मुद्दों पर ही रहा। बैठक के दौरान तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने विभिन्न राज्यों से जुड़ा एक मेमोरेंडम पीएम मोदी को सौंपा, जिसमें कानून मंत्रालय से मांग की गई है कि आंध्र प्रदेश के लिए अलग हाईकोर्ट की स्थापना की जाए। अभी दोनों राज्यों में एक ही हाईकोर्ट है, जो कि हैदराबाद में स्थित है।
इसके अलावा तेलंगाना के सीएम ने पीएम मोदी से अपील की है कि वह रक्षा मंत्रालय को निर्देश दें कि वह तेलंगाना में डिफेंस की एक जमीन को राज्य सरकार को ट्रांसफर कर दे। जिससे राज्य सरकार वहां सचिवालय की बिल्डिंग का निर्माण करा सके। टीआरएस चीफ ने तेलंगाना में एक आईआईएम और एक आईआईआईटी इंस्टीट्यूट और 21 जवाहर नवोदय विद्यालयों का निर्माण कराने की भी मांग की है। साथ ही टीआरएस प्रमुख ने तेलंगाना में आईटी इन्वेस्टमेंट क्षेत्र भी स्थापित किया जाए। बहरहाल भले ही टीआरएस के सीएम और पीएम मोदी के बीच की मुलाकात को राज्य के विकास से संबंधित दिखाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इस मुलाकात को लोकसभा चुनावों को देखते हुए अहम भी माना जा रहा है।