नाराज जजों से मिले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर नहीं निकला समाधान, अब बुधवार को दोबारा होगी बातचीत
पिछले हफ्ते शुक्रवार (12 जनवरी) को देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ बगावत करने और मीडिया में बयान देने वाले सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों के साथ चार दिन बाद मंगलवार (16 जनवरी) को मुख्य न्यायाधीश ने बैठक की और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की मगर कोई समाधान नहीं निकल सका। इन पांचों जजों की बातचीत बुधवार को भी होगी। बैठक सीजेआई दीपक मिश्रा ने ही बुलाई थी ताकि चारों वरिष्ठ जजों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा हो सके और उसका निराकरण किया जा सके मगर ऐसा नहीं हो सका। बता दें कि शुक्रवार को जस्टिस जस्टिस जे चेलामेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोसफ ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर सीजेआई पर केसों के आवंटन में पक्षपात के आरोप लगाए थे और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था।
इससे पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का यह विवाद सुलझ गया है लेकिन अब उम्मीद जताई है कि जल्द ही कुछ दिनों के अंदर पूरी तरह मामला सुलटा लिया जाएगा। पीटीआई से बात करते हुए वेणुगोपाल ने कहा, “मुझे पहले लगा था कि मामला सुलझ गया है लेकिन अब दो-तीन दिनों में इसे पूरी तरह से सुलझने की उम्मीद है।”
इस बीच, सोमवार (15 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सात अहम मुद्दों पर सुनवाई के लिए पांच जजों की संविधान पीठ बनाई गई लेकिन उस पीठ में बागी चारों जजों में से किसी को भी शामिल नहीं किया गया है, जबकि ये चारों जज न केवल सीनियर हैं बल्कि कॉलेजियम के भी सदस्य हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार पांच न्यायाधीशों की पीठ में सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं। यह संविधान पीठ 18 जनवरी से आधार कार्ड की कानून वैधता और आपसी सहमति से समलैंगिक यौन संबंधों जैसे सात महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई शुरू करेगी।