नाराज वरिष्ठ भाजपा विधायक तिवाड़ी ने दिया पार्टी से इस्तीफा

राजस्थान में भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले दमदार नेता के इस्तीफे से भाजपा में खलबली मच गई। उन्होंने ‘भारती वाहिनी पार्टी’ बनाई है और अगला चुनाव इसी से लड़ने का एलान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा प्रदेश नेतृत्व ने साढ़े चार सालों में राजस्थान को जमकर लूटा है और निष्ठावान संघी नेताओं की घोर अनदेखी हुई है। केंद्रीय नेतृत्व ने भी वसुंधरा राजे के आगे घुटने टेक दिए हैं। भाजपा के छह बार से विधायक बनने वाले और खांटी आरएसएस से जुड़े घनश्याम तिवाड़ी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भेजा है।

उन्होंने शाह को लिखे पत्र को प्रेस कांफ्रेंस में पढ़ कर सुनाया। इसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने पत्र में आरोप लगाया कि राजस्थान भाजपा एक व्यक्ति की निजी दुकान बन गई है। उसके आगे केंद्रीय नेतृत्व भी झुक गया है। मौजूदा सरकार ने राजस्थान को तबाह कर दिया है। राजस्थान में भाजपा और वसुंधरा में कोई फर्क नहीं रह गया है। उनके मन में पार्टी छोड़ने की पीड़ा है पर अब कोई रास्ता नहीं बचा है। जनता के ऐतिहासिक बहुमत देने के बावजूद उसे ठगा गया है। तिवाड़ी का कहना है कि केंद्र के दो-तीन नेताओं की मिलीभगत से राजस्थान की मौजूदा सरकार ने प्रदेश में जमकर लूट मचा रखी है। राज्य की भू-संपदा की लूट मचाई गई है। राज्य की संपदा पर डाका डालना और जनता की जेब कतरना ही कुछ मंत्रियों व अफसरों का काम रह गया है। ऐसा लगता है कि राजस्थान के भ्रष्टाचार से दिल्ली के भी कुछ नेताओं का समझौता हुआ है।

उन्होंने कहा कि वे संघ से जुड़े हुए हैं। इसमें कोई सदस्यता तो चाहिए नहीं। यह तो विचारधारा का जुड़ाव है जो हमेशा रहेगा। वे संघ के स्वयंसेवक हैं और हमेशा रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी भारत वाहिनी पार्टी प्रदेश की सभी दो सौ विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। तिवाड़ी के इस्तीफे के बाद से प्रदेश भाजपा में खलबली मची है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने तिवाड़ी के इस्तीफे पर कहा कि इससे पार्टी को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। पार्टी ने धैर्य रखा और तिवाड़ी ने खुद ही इस्तीफा दिया है। उनके इस्तीफे से पार्टी में अनुशासन बना रहेगा और अनुशासनहीनता पर लगाम लगेगी। प्रदेश भाजपा के प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि पार्टी एक वृक्ष है, उससे जो टूटता है कभी फलता-फूलता नहीं है। तिवाड़ी का मामला अनुशासन समिति में लंबित था, उससे पहले ही उन्होंने यह कदम उठा लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *