निगम अस्पताल सीसीटीवी लगाने के प्रति गंभीर नहीं, RTI से मिली यह जानकारी
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों से बच्चा चोरी होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। अकेले सफदरजंग अस्पताल में हाल ही में बच्चा चोरी की दो घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बावजूद इसके अस्पतालों में अभी तक सीसीटीवी लगाने की जरूरत महसूस नहीं की गई है। निगम भी सीसीटीवी लगाने में रुचि नहीं दिखा रहा है। यह खुलासा एक सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है। निगम के जिन अस्पतालों में सीसीटीवी लगाए भी गए हैं तो वह भी सिर्फ नाम के लिए हैं।
आरटीआई से जानकारी मिली है कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों में इस समय सात बड़े अस्पतालों के अलावा कई डिस्पेंसरी हैं। उत्तरी निगम के हिस्से में छह बड़े अस्पताल हैं जिनमें हिंदूराव, राजनबाबू फेंफड़े एवं क्षय रोग संस्थान, महर्षि बाल्मीकि संक्रामक अस्पताल, श्रीमती गिरधारी लाल प्रसूति अस्पताल, कस्तूरबा और बालकराम अस्पताल शामिल हैं। पूर्वी निगम के अधीन स्वामी दयानंद अस्पताल और कुछ डिस्पेंसरी भी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराती है। दक्षिणी निगम के अधीन बड़े अस्पताल नहीं हैं पर छोटे मैटरनिटी सेंटर और डिस्पेंसरी जरूर हैं। इन सभी अस्पतालों में सैकड़ों मरीज और तीमारदार रोजाना आते हैं। इनमें भी सिर्फ महर्षि बाल्मीकि में सुरक्षा के नाम पर सात सीसीटीवी लगे हुए हैं जिसमें 2016 से दो खराब पड़े हैं।
हिंदू राव अस्पताल सीसीटीवी के मामले में भगवान भरोसे हैं। यहां सीसीटीवी के डाटा उपलब्ध नहीं है। राजनबाबू में 14 और कस्तूरबा अस्पताल में 5 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। उत्तरी निगम के मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग के छह प्रसूति गृह में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। दक्षिणी निगम के श्रीनिवासपुरी मैटरनिटी सेंटर में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। महेंद्रपार्क, उत्तमनगर और बापरौला मैटरनिटी सेंटर, नांगलराया चिकित्सा सेंटर, सुभाषनगर और तिलनगर कालोनी अस्पताल में भी सीसीटीवी नहीं है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के एक मात्र बड़े अस्पताल स्वामी दयानंद में भी कोई सीसीटीवी नही लगा हुआ है।