नितिन गडकरी बोले- नेता अपने परिवार के लिए टिकट मांगते हैं, ऐसे में कार्यकर्ता क्या करेंगे?

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि बीजेपी परिवारवाद की राजनीति से दूर है। गडकरी ने कहना है कि वह इस बात का विरोध करते हैं कि नेता के बेटे को नेता ही होना चाहिए। उन्होंने यह बात न्यूज 24 के एक कार्यक्रम में कही। गडकरी से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के बिजनेस से संबंधित सवाल किया गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि अमित शाह के बेटे के ऊपर लग रहे सारे आरोप गलत हैं।

गडकरी ने कहा, ‘अमित शाह का बेटा है तो क्या उसके पास बिजनेस करने का अधिकार नहीं है। उसका सरकार से कोई संबंध नहीं है।’ इसके साथ ही उन्होंने अपने बेटों के बिजनेस पर भी कहा कि उनका सरकार से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटों के काम का सरकार से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बैंकों से कर्जा लिया है और इनकम टैक्स भरते हैं।’ गडकरी ने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट मांगने वाले नेताओं पर भी जमकर भड़ास निकाली।

उन्होंने कहा, ‘अब नेता कहते हैं कि पहले मेरी पत्नी, मेरे बेटे, मेरी बेटी को टिकट दो और जो बाकी चम्मचे हैं उनको भी टिकट दो, तो कार्यक्रर्ता क्या करेंगे। नेता के बेटे को नेता नहीं होना चाहिए। मैं इसका विरोधी हूं। मां-बांप को नहीं कहना चाहिए कि मेरे बेटे को टिकट दो, जनता कहे तब टिकट देना चाहिए।

एससी/एसटी आरक्षण के सवाल पर गडकरी ने कहा, ‘एससी/एसटी को अनेक सालों तक स्कूल में जाने का अधिकार नहीं मिला। समाज में उनके साथ अत्याचार हुआ। इसलिए सामाजिक और शैक्षणिक रूप से जो पिछड़े हुए हैं उनका यानी एससी और एसटी का आरक्षण रोकने का सवाल नहीं उठता, लेकिन अब देश में ये हो रहा है कि हर आदमी बोलता है कि मैं पिछड़ा हूं। यानी पिछड़ापन राजनीतिक हित बनता जा रहा है। कोई बोलता ही नहीं कि मैं आगे गया हूं। अब मुझे बताइए कि सबको आरक्षण मतलब किसी को आरक्षण नहीं। इसलिए मैं कहता हूं कि सभी पार्टियों को राजनीति से उठकर इस मामले पर विचार करना होगा।’

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