निर्भया कांड की बरसी पर हंगामा, कार्यक्रम छोड़ निकले केजरीवाल

निर्भया कांड की पांचवीं बरसी भी सियासत से अछूती नहीं रही। 6 दिसंबर 2012 को हुई इस घटना की बरसी पर शनिवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली भाजपा के मुखिया मनोज तिवारी की मौजूदगी में जमकर हंगामा और नारेबाजी हुई। नौबत यहां तक आ गई कि मुख्यमंत्री को अपना संबोधन रोक कर कार्यक्रम स्थल छोड़ना पड़ा।  आम आदमी पार्टी ने इस घटना के लिए भाजपा को खरी-खोटी सुनाई है। पार्टी के ट्वीट में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के निजी सहायक व पार्टी प्रवक्ता राजीव बब्बर को निर्भया के नाम पर हो रहे कार्यक्रम में हंगामा कराने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। पार्टी ने भाजपा नेताओं को चेताया है कि दिल्ली उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। निर्भया की याद में उसके माता-पिता हर साल 16 दिसंबर को निर्भया चेतना दिवस मानते हैं। इस बार भी शनिवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सबसे पहले निर्भया को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद दो मिनट के मौन के साथ दिल्ली समेत देशभर में महिलाओं की सुरक्षा पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और इसी के तहत उन सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जो महिला सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील हैं। उनका इतना कहना था कि वहां पर हंगामा शुरू हो गया।

दर्शकों के बीच बैठी एक महिला ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। उसने कहा कि क्या तीन साल से केजरीवाल सरकार सो रही थी। उस महिला के साथ बहुत सारे लोग हंगामा करने लगे और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। स्थिति बिगड़ती देख मुख्यमंत्री केजरीवाल भाषण बीच में ही छोड़कर वहां से निकल गए। हंगामे से पहले केजरीवाल ने कहा कि वे निर्भया के माता-पिता की हिम्मत की दाद देते हैं जिन्होंने तमाम बाधाओं के बावजूद इंसाफ की लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर दिल्ली महिला आयोग द्वारा किए जा रहे कार्यों के साथ है। मुख्यमंत्री ने शहर की सड़कों पर लैंप पोस्ट और सीसीटीवी लगाने का वादा किया और कहा कि वे चाहते हैं कि दिल्ली के लोग अंधेरे स्थानों और अन्य असुरक्षित क्षेत्रों के बारे में जानकारी भेजें। सरकार ऐसे स्थानों पर कैमरों और रोशनी की मुफ्त व्यवस्था करेगी। उनके इसी बयान के बाद कार्यक्रम स्थल पर हंगामा होने लगा।  कार्यक्रम में निर्भया को याद करते हुए उनकी मां आशा देवी की आंखें छलक आर्इं। उन्होंने कहा कि पांच साल बाद भी लोगों के नजरिए और न्याय व्यवस्था की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं आया है। देश को निर्भया के लिए खड़ा हुआ देखा तो लगा था कि हालात बदल जाएंगे लेकिन बेटियां अब भी दरिंदगी का शिकार बन रही हैं।

‘नहीं उठाए गए महिला सुरक्षा के कदम’

राजधानी में 16 दिसंबर 2012 को हुई सामूहिक बलात्कार की घटना को याद करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया कि महिलाओं की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार जल्द ही यहां सीसीटीवी कैमरे लगाएगी। मुकुंदपुर में एक फ्लाइओवर के उद्घाटन के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने घोषणा की कि अनधिकृत कालोनियों में अगले दो-तीन साल में सड़क, पानी और सीवर लाइन जैसी पर्याप्त सुविधाएं होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले इसी दिन निर्भया सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी। मुझे नहीं लगता कि हम सभी ने महिला सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए कोई साहसिक कदम उठाया है। हम सभी के लिए यह चिंता का विषय है और हमें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेकिन मैं खुश हूं कि पीडब्लूडी ने इस दिशा में एक ठोस कदम उठाया है। दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने की निविदा आमंत्रित की गई है।

मैं मंत्री से बात कर रहा हूं और अगर तकनीकी मूल्यांकन में कोई बाधा नहीं आई तो जल्द ही पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। 2015 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान आप ने पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने का वादा किया था। इस मौके पर मौजूद पीडब्लूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने नवंबर में कहा था कि दिल्ली सरकार ने समूचे शहर में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए निविदा आमंत्रित की है। उन्होंने पांच महीने में कैमरे लगाए जाने का काम पूरा होने की उम्मीद जताई थी। योजना के मुताबिक, दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 2000 कैमरे लगाए जाएंगे। अनधिकृत कॉलोनियों पर केजरीवाल ने कहा कि बड़ी परियोजनाएं और बड़ी सड़कें महत्त्वपूर्ण हैं और हमारी सरकार कई परियोजनाओं पर काम कर रही है।

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