नीच: राहुल गांधी की फटकार के बाद मणिशंकर अय्यर ने मांगी मोदी से माफी, बोले- अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में हुई गड़बड़

पीएम नरेंद्र मोदी को ‘नीच इंसान’ बताने वाले कांग्रेस लीडर मणिशंकर अय्यर ने माफी मांग ली है। उन्होंने अपनी सफाई में दलील दी कि हिंदी उनकी भाषा नहीं है। अंग्रेजी में Low शब्द सोचकर हिंदी में नीच शब्द का इस्तेमाल किया था। मणिशंकर के मुताबिक, अगर हिंदी में लो का मतलब ‘लो बॉर्न’ (नीची जाति में जन्म लेने वाला) होता है तो वह माफी मांगते हैं। अय्यर ने यह भी कहा कि उन्होंने काफी वक्त में हिंदी सीखी है और इसी नासमझी में एक बार उन्होंने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के लिए नालायक शब्द का इस्तेमाल कर दिया था।

अय्यर ने अपनी सफाई में कहा, ‘जब मैंने नीच कहा तो उसका मतलब ‘लो लेवल’ था। मैं अंग्रेजी में सोचता हूं। हिंदी मेरी मातृभाषा नहीं है। अगर इसका कोई और मतलब है तो मैं माफी मांगता हूं।’ बता दें कि अय्यर के बयान पर मचे राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस के अध्यक्ष बनने जा रहे राहुल गांधी ने ट्वीट करके इस बयान से पल्ला झाड़ लिया था। उन्होंने मणिशंकर अय्यर से यह भी कहा था कि वह पीएम मोदी से माफी मांगें।

राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा, ‘बीजेपी और पीएम कांग्रेस पर हमला करने के लिए लगातार खराब भाषा का इस्तेमाल करते हैं। कांग्रेस की अलग संस्कृति और विरासत है। मैं मणिशंकर द्वारा मोदी के लिए इस्तेमाल भाषा और लहजे की निंदा करता हूं। कांग्रेस और मुझे दोनों को ही लगता है कि उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।’मणिशंकर अय्यर द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी को नीच इंसान बताए जाने के बाद राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हो गया है। जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी जनसभा में अय्यर पर कड़ा हमला किया, वहीं दोनों ही पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एक दूसरे पर हमला बोला।

जहां बीजेपी ने कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए अय्यर को दरबारी करार दिया, वहीं कांग्रेस ने बीजेपी को दलित विरोधी करार दिया। अय्यर के बयान पर बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, ‘मणि शंकर अय्यर ने हमारे पीएम को नीच कहा है, लेकिन हमें अपने पीएम पर गर्व है।’ प्रसाद के मुताबिक, पीएम ने बेहद शालीनता ने अय्यर की टिप्पणी का जवाब दिया है। केंद्रीय मंत्री ने अय्यर को राजीव गांधी का अंतरंग मित्र बताते हुए उन्हें ‘दरबारी मानसिकता’ का करार दिया।

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