नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर गर्म है चर्चाओं का बाजार, क्या कह रहे हैं बिहार के नेता

बिहार में आजकल हो रही राजनीतिक चर्चाओं में एक विषय यह भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार राजनीतिक में आएंगे या नहीं. इन कयासों की शुरुआत तब हुई जब जनता दल (यूनाइटेड) के समर्थकों ने पटना में पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाए. इन पोस्टरों नें निशांत कुमार के समर्थन में संदेश लिखा था.इनमें से एक पोस्टर में लिखा था,”बिहार की मांग, सुन लिए निशांत, बहुत बहुत धन्यवाद.” इसके बाद से ही बिहार में चर्चा तेज है कि निशांत इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.इस विषय पर अभी निशांत के पिता या उनकी पार्टी जेडीयू ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
निशांत कुमार की सक्रियता
निशांत ने झारखंड के मेसरा में स्थित बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) से कंप्यूर साइस की पढ़ाई की है.पटना के कंकड़बाग में स्थित एक पार्क का नाम नीतीश की पत्नी मंजू सिन्हा के नाम पर रखा गया है. साल 2017 की फरवरी में इस पार्क में अपनी मां की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद निशांत ने कहा था,”मैं कभी भी राजनीति में प्रवेश नहीं करुंगा. मैंने आध्यात्म को स्वीकार कर लिया है.” उनके इस बयान ने उनके राजनीति में आने की चर्चाओं पर विराम लगा दिया था.लेकिन पिछले कुछ समय से निशांत अपनी सार्वजनिक उपस्थिति बढ़ा रहे हैं. हाल ही में वे नीतीश कुमार के साथ बख्तियारपुर स्थित अपने पैतृक घर गए थे. इस दौरान उन्होंने जनता से अपने पिता और जेडीयू का समर्थन करने की अपील की. उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे नीतीश कुमार को फिर से बिहार का मुख्यमंत्री बनाएं.
यहां खास बात यह है कि निशांत कुमार के राजनीति में आने या न आने को लेकर अभी तक न तो नीतीश कुमार ने कुछ कहा है और न ही जेडीयू ने. बिहार सरकार में मंत्री जेडीयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे,पार्टी उसे स्वीकार करेगी.उन्होंने कहा, “जहां तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत के राजनीतिक भविष्य की बात है, यह पार्टी नीतीश कुमार द्वारा स्थापित की गई है. वे ही इसके नेता हैं. इस पार्टी में उन्हीं का निर्णय अंतिम होता है. पार्टी का भविष्य उन्हीं के फैसले पर निर्भर है… जो भी वे तय करेंगे, पार्टी उसे स्वीकार करेगी.”
बिहार में परिवारवाद की राजनीति
वहीं जेडीयू के कुछ दूसरे वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि निशांत राजनीति में आने के लिए तैयार हैं. उन्होंने अन्य राजनीतिक परिवारों का उदाहरण देते हुए कहा कि 2014 में लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था और रामविलास पासवान ने अपनी पार्टी का नेतृत्व अपने बेटे चिराग पासवान को सौंपा था.
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी निशांत के राजनीति में आने की संभावना का स्वागत किया.न्यूज एजेंसी एएनआई से उन्होंने निशांत को योग्य और सक्षम बताते हुए कहा कि भारत में कई नेताओं के बच्चे और परिवार राजनीति में आए हैं. अगर नीतीश कुमार के बेटे निशांत राजनीति में आना चाहते हैं, तो इसमें चर्चा की कोई जरूरत नहीं है.अगर वे राजनीति में आते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे.