नीतीश कुमार ने चुना नया डीजीपी, एक बार फिर लकी साबित हुआ भागलपुर

आप माने या न माने एक बात तो तय है कि भागलपुर में जिन आलाधिकारियों की पोस्टिंग हुई खासकर आईपीएस की उनके भाग्य खुल गए। ताजा मिसाल मंगलवार 27 फरवरी को जारी गृह विभाग की अधिसूचना है। जिसके तहत राज्य के नए डीजीपी केएस द्विवेदी बनाए गए है। फिलहाल ये डीजी ट्रेनिग है। ये पहली मार्च को अपना कार्यभार संभालेंगे। वर्तमान डीजीपी पीके ठाकुर अपना कार्यकाल पूरा कर 28 फरवरी को अवकाश ग्रहण कर रहे है।

1984 बैच के आईपीएस अधिकारी के एस द्विवेदी भागलपुर के एसपी रह चुके हैं। इनसे पहले भागलपुर में डीआईजी ओहदे पर रहे गजेंद्र नारायण, एसपी रहे नीलमणि भी बिहार के पुलिस महानिदेशक का पद सुशोभित कर चुके हैं। बिहार से अलग हुए झारखंड के डीजीपी ओहदे पर रहे श्याम सुंदर महापात्र, विष्णु दयाल राम भी भागलपुर के एसपी रह चुके हैं। इतना ही नहीं यहां एसपी रहे आईपीएस एपी सिंह सीबीआई के निदेशक बने। इनके बाद इस पद की शोभा आईपीएस अनिल कुमार सिंहा ने बढाई।

भागलपुर के आईजी रहे आईपीएस अनिल पांडे दिल्ली में सीआरपीएफ के डीजी बनाए गए थे। और तो और भागलपुर के ज़िलाधीश रहे आईएएस शशिकांत शर्मा कैग के सर्वोच्च पद पर विराजमान हुए। आईएएस अशोक कुमार चौधरी भागलपुर में किसी पद पर तो तैनात नहीं हुए मगर ज़िले के नवगछिया के वाशिंदें जरूर थे। इन्होनें बिहार के मुख्य सचिव पद से अवकाश ग्रहण किया। यह तो वानगी है। और भी नाम हो सकते है। यों बिहार के बाहर देश के दूसरे राज्यों में भागलपुर में जन्में पढ़े लिखे दर्जनों आईएएस और आईपीएस व दूसरे बड़े पदों पर कार्यरत है। इस मामले में भागलपुर को लोग लकी मानते है।

 

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