नीतीश धड़े को असली जदयू बताने के चुनाव आयोग के फैसले को शरद गुट ने दिल्ली हाई कोर्ट में दी चुनौती
शरद यादव के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) गुट के एक विधायक ने पार्टी चिह्न के सिलसिले में चुनाव आयोग के फैसले को मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी। चुनाव आयोग ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गुट को असली जदयू करार देते हुए उसे पार्टी चिह्न ‘तीर’ का इस्तेमाल करने का असली हकदार बताया था। शरद यादव गुट के कार्यकारी अध्यक्ष एवं गुजरात के विधायक छोटूभाई वसावा ने गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष यह मुद्दा उठाया।
वसावा के वकील निजाम पाशा ने पीठ से कहा कि चुनाव आयोग का 17 नवंबर का आदेश खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि जदयू के आधिकारिक चिह्न पर फैसला लेने में ‘‘गंभीर चूक’’ हुई है। संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ ने मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया। नीतीश कुमार गुट का पक्ष रखते हुए वकील गोपाल सिंह ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने विभिन्न मौकों पर मामले की सुनवाई की और सही आदेश पारित किए। जुलाई में भाजपा से गठबंधन करने के निर्णय के बाद नीतीश और शरद अलग हो गए थे और पार्टी में प्रभुत्व को लेकर दोनों में जंग शुरू हो गई थी।