नीरव मोदी को भारत लाने की ये है पूरी प्लानिंग, नहीं दोहराई जाएगी माल्या केस वाली गलती
नई दिल्ली: भारत ने बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की लंदन में ब्रिटेश अधिकारियों की ओर से की गई गिरफ्तारी का स्वागत किया है और कहा कि वह जल्द से जल्द उसके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन के साथ बातचीत कर रहा है. इस बार भारतीय एजेंसियां विजय माल्या केस वाली गलती से सबक लेते हुए नीरव मोदी को भारत लाने की हर जरूरी कोशिश में जुट गई है. ब्रिटेन की जटिल प्रत्यर्पण प्रक्रिया से निपटने के लिए भारत सरकार ने हर एजेंसी को अपने-अपने स्तर पर काम करने को कहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले को लेकर लगातार ब्रिटेन से संपर्क में बना हुआ है. कुमार ने कहा, ‘हम इस बात का स्वागत करते हैं कि वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के क्रम में ब्रिटेन के अधिकारियों ने नीरव मोदी को गिरफ्तार कर लिया है.’
इस बीच भाजपा ने गिरफ्तारी की सराहना करते हुए इसका श्रेय भारतीय जांच एजेंसियों एवं नरेंद्र मोदी नीत सरकार की “राजनीतिक शक्ति” को दिया.
पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार भगोड़े हीरा कारोबारी के प्रत्यर्पण की याचिका पर ईमानदारी से आगे बढ़ रही है और उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक महत्ता एक “महत्त्वपूर्ण कारक” है.
सीबीआई सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि पीएनबी बैंक घोटाले में फरार आरोपी नीरव मोदी को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करके भारत लाने के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि विदेश मंत्रालय के जरिये ब्रिटेन से प्रत्यर्पण आग्रह किया गया है. उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि कुछ टेलीविजन चैनलों द्वारा मंगलवार को लंदन में उन्हें देखने के बाद एजेंसी को कोई नई जानकारी नहीं मिली है.
उन्होंने कहा कि किसी आरोपी के प्रत्यर्पण की कानूनी प्रक्रिया अपना समय लेती है और सीबीआई उसके प्रत्यर्पण आग्रह के लिए ब्रिटेन की एजेंसियों को हरसंभव मदद देगी. सूत्रों ने स्पष्ट किया कि किसी दल को लंदन भेजने की फिलहाल कोई योजना नहीं है.
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने एजेंसी की ओर से नीरव मोदी के खिलाफ पिछले साल जारी रेड कार्नर नोटिस पर प्रतिक्रिया दी है. इंटरपोल से एजेंसी की ओर से किये गये आग्रह पर जून 2018 में रेड कार्नर नोटिस जारी हुआ था.
गौरतलब है कि नीरव ने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक के 13 हजार करोड़ रुपये का कथित रूप से गबन किया था.