नृत्यः शिव के विभिन्न रूपों को सहजता से पेश किया
ओडिशी नृत्यांगना गौरी लिवेदी ने शास्त्रीय नृत्य को अपनी पहचान बनाया है। उन्होंने ओडिशी नृत्यांगना इप्सिता बेहरा और सुजाता महापात्र से ओडिशी नृत्य सीखा। इनदिनों वह स्वतंत्र रूप से अलग-अलग मंचों पर नृत्य पेश कर रही हैं। वे मानती हैं कि समय के साथ शास्त्रीय नृत्य में कलाकार को अपनी कला में परिपक्वता के साथ गहराई लानी चाहिए, जो अनुभव और साधना से संभव है। इसके लिए नृत्यांगना को प्रयास करने की जरूरत पड़ती है। इंडियन वीमेंस प्रेस कॉर्प और भारतीय संस्कृति संबंध परिषद की ओर से आयोजित सांस्कृतिक संध्या में ओडिशी नृत्यांगना गौरी ने ओडिशी नृत्य पेश किया। जबकि, ग्वाटेमाला के मॉडर्न एंड फोकलॉरिक नेशनल बैले ग्रुप के कलाकारों ने ग्वाटेमाला की जीवन शैली पर आधारित नृत्य रचना पेश की। इस अवसर पर स्वागत भाषण में कॉर्प की अध्यक्ष शोवना जैन ने कहा कि पत्रकारों को खासतौर पर महिला पत्रकारों को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। केंद्रीय पर्यावरण और विज्ञान व तकनीकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने अपने वक्तव्य में कहा कि पत्रकारों को धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है।