नेहरू पर फुटबॉल स्टेडियम पर परेश रावल ने उठाए सवाल, लोगों ने पूछा-दीनदयाल उपाध्याय मजदूर थे क्या?

जवाहरलाल नेहरू को देश भले ही स्वतंत्रता सेनानी और हिन्दुस्तान के पहले प्रधानमंत्री के रूप में जानता हो लेकिन बीजेपी के सांसद परेश रावल नेहरू को भारत का सबसे बड़ा फुटबॉलर भी मानते हैं। परेश रावल ने इस बावत ट्वीट किया है और अपनी राय बताई है। परेश रावल का ये ट्वीट भारत में चल रहे फीफा अंडर 17 फुटबॉल वर्ल्ड कप के दौरान आया है। परेश रावल ने नेहरू को महान फुटबॉलर बताने का जबर्दस्त कारण भी दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारत के 6 स्टेडियम में अंडर 17 फुटबॉल वर्ल्ड कप खेला जा रहा है, 6 में से 3 स्टेडियम का नाम भारत के महानतम फुटबॉलर जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया है।’ दरअसल परेश रावल ने तीन स्टेडियमों का नाम जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखने के लिए तंज कसा है। भारत में जवाहरलाल नेहरू वर्ल्डकप नयी दिल्ली, नवी मुंबई, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी और कोलकाता में खेले जा रहे हैं। इनमें से नयी दिल्ली, गोवा और कोच्चि स्टेडियम में के नाम जवाहरलाल नेहरू के नाम पर हैं। जबकि गुवाहाटी स्टेडियम का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है।
परेश रावल ने इसी मुद्दे को लेकर तंज कसा है। परेश रावल के इस ट्वीट को सोशल मीडिया पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है। इस ट्वीट को 8 हजार लोग लाइक कर चुके हैं जबकि लगभग साढ़े चार हजार लोगों ने रीट्वीट किया है। परेश रावल के इस ट्वीट पर लोगों ने जमकर मजे लिये हैं। कुछ लोगों ने उनका समर्थन किया है। तो कुछ ने उन्हें खरी खोटी सुनाई है। एक यूजर ने लिखा है, ‘जब आप कहीं पहुंचते हैं तो इंदिरा गांधी से मिलते हैं (एयरपोर्ट), जब आप खेलते हैं तो आप जवाहरलाल नेहरू से मिलते हैं (स्टेडियम) जब आप सम्मानित होते हैं तो राजीव गांधी से मिलते हैं (अवॉर्ड) जब आप टीवी खोलते हैं तो राहुल गांधी से मिलते हैं इसके बाद आप हंसने लगते हैं।’
सुनील कर्ण ने लिखा, ‘ कांडला पोर्ट का नाम बदल दीनदयाल पोर्ट कर दिया गया, क्या कांडला पोर्ट बनाने के दौरान दीनदायल वहां मजदूरी करते थे। एमपी में दीनदयाल किचन स्कीम चल रहा है, क्या वहां वह शेफ थे। मनोज यादव नाम के एक यूजर ने लिखा है कि, ‘सर आप कुछ साल रुकिए आपके दीनदयाल भी गजब के फुटबॉलर थे ये आपको पता चल जाएगा, कोई भी किसी से कम नही है न कांग्रेस वाले न बीजेपी वाले।’ एक यूजर ने लिखा, ‘खैरियत है नरेन्द्र मोदी के नाम पर नहीं है वरना मैच फेंक फेंक कर खेलने पड़ते।’