नैनी सेंट्रल जेल में गोबर गैस प्लांट से बनेगा कैदियों का भोजन
यहां की नैनी सेंट्रल जेल कैदियों के लिए गोबर गैस से भोजन पकाने की योजना पर काम कर रहा है। इस संबंध में गोबर गैस प्लांट लगाने का एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। नैनी सेंट्रल जेल में लगभग 4,000 कैदी बंद हैं। नैनी सेंट्रल जेल के डीआइजी बीआर वर्मा ने बताया, “हमने 14.81 लाख रुपये की लागत से गोबर गैस प्लांट लगाने का एक प्रस्ताव 8 दिसंबर, 2017 को शासन को भेजा है और सरकार से इसकी मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि गोबर गैस प्लांट से निकले ईंधन का उपयोग कैदियों के लिए भोजन बनाने के साथ ही कुछ इलाकों में प्रकाश व्यवस्था में भी किया जाएगा। जेल में स्थित गोशाला में कुल 115 पशु हैं, जिनसे पर्याप्त गोबर मिल जाता है।
फिलहाल, गोबर का उपयोग जेल के भीतर सब्जियों की खेती में खाद के तौर पर किया जाता है। वर्मा ने बताया, “अभी कैदियों के लिए भोजन पकाने में हर महीने 900 से 1000 एलपीजी सिलेंडरों (घरेलू) की खपत हो जाती है। गोबर गैस प्लांट लगने के बाद एलपीजी सिलेंडरों का खर्च बहुत हद तक घट जाने की संभावना है। वर्तमान में कैदियों के लिए पांच भंडारे चलते हैं।”
उल्लेखनीय है कि गत 19 जनवरी को यहां परेड ग्राउंड में आयोजित संत सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, “भारतीय गाय के संरक्षण और संवर्धन के लिए जो भी कार्य किए जाएंगे, प्रदेश सरकार उसमें भरपूर सहयोग करेगी। अगर कोई एक गांव मिलकर एक गौशाला का निर्माण करे तो पूरे गांव के ईंधन की जरूरत उस गौशाला से निकली गोबर गैस से पूरी हो सकती है और उन्हें एलपीजी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।”