नोटबंदी की मार? 2017 की पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर में बड़ी गिरावट

चालू वित्त वर्ष की जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई और यह वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के 6.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी पर आ गई। आधिकारिक आंकड़ों से गुरुवार को यह जानकारी मिली। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.7 फीसदी की वृद्धि दर के साथ 31.10 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान इसकी वृद्धि दर 6.1 फीसदी थी। अगर हम जीडीपी की वृद्धि दर की तुलना एक साल पहले की समान तिमाही से करें तो इसमें काफी अधिक गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी की रफ्तार 7.9 फीसदी थी।

इसे पिछले साल नवंबर महीने में की गई नोटबंदी के प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है। गौरतलब है कि ए‍क दिन पहले ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा किया कि 8 नवंबर की नोटबंदी कम प्रभावी रही। आरबीआई ने बुधवार को कहा कि साल 2016 के नवंबर में की गई 500 रुपये और 1000 रुपये की नोटबंदी के बाद प्रचलन से बाहर हुए 15.44 लाख करोड़ नोट में से 15.28 लाख करोड़ नोट लौटकर प्रणाली में वापस आ चुके हैं।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि ‘जमा हुई सारी रकम वैध नहीं है।’ द इकॉनमिस्ट पत्रिका द्वारा आयोजित ‘इंडिया समिट 2017’ का उद्घाटन करते हुए जेटली ने यहां कहा, “नोटबंदी ने प्रणाली में पारदर्शिता लाने में मदद की है। नकदी लौटकर बैंकिंग प्रणाली में वापस आई है, लेकिन जरूरी नहीं है कि लौटकर आई सारी रकम वैध ही हो।”

कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि उच्च मूल्य के नोटों को बंद करने के फैसले को लेकर मोदी ने बार-बार गलत बयान दिए। एक संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कालेधन को लेकर झूठी टिप्पणी की, जिसका खुलासा बीते साल 8 नवंबर को 500 व 1000 रुपये के नोटों की नोटबंदी बाद हुआ है। शर्मा ने कहा नोटबंदी से जीडीपी को 2.25 लाख करोड़ रुपये को नुकसान हुआ और इसके लिए प्रधानमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, लोग सच्चाई स्वीकार करेंगे, वे यह भी स्वीकार कर सकते हैं कि एक गलती की गई है, लेकिन इसे बार-बार कहना गलत है कि जो भी कुछ किया, वह सही था।

 

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