Richard Thaler just won the Nobel for Economics..
नोटबंदी के प्रचार को भाजपा आईटी सेल ने नोबेल विजेता का इस्तेमाल किया नाम, उल्टा पड़ा दांव
अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार इस बार रिचर्ड थेलर को मिला है। वह भारत में की गई नोटबंदी के समर्थक रहे हैं। भाजपा आईटी सेल ने यही सोचकर सोमवार को नोटबंदी का प्रचार करना चाहा। ट्विटर पर उन्होंने इसके लिए थेलर का नाम इस्तेमाल किया। लेकिन यह दांव पार्टी के लिए उल्टा ही साबित हुआ। थेलर ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले पर सरकार के फैसले का तब समर्थन किया था। उन्होंने ट्वीट किया था, “यह वही नीति है, जिसका मैंने लंबे समय से समर्थन किया है। यह कैशलेस की ओर पहला कदम है और भ्रष्टाचार कम करने के लिए अच्छी शुरुआत है।”
भाजपा आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने इसी ट्वीट को भुनाने की कोशिश की। सोमवार को उन्होंने इसे अपने ट्विटर हैंडल से रीट्वीट किया।
मगर वह जल्दबाजी के चक्कर में एक चीज भूल गए। थेलर कैशलेस के जरूर समर्थक थे। लेकिन जब उन्हें 500-1000 रुपए के नोट के बजाय दो हजार के नोट आने की बात पता लगी थी, तो वह हैरान रह गए थे। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि “सच में? अरे नहीं।”
यह ट्वीट मालवीय ने शायद नहीं देखा था। यही चूक भाजपा के अन्य नेताओं से भी हुई। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, भाजपा आईटी सेल के पूर्व मुखिया अरविंद गुप्ता, मुंबई से भाजपा प्रवक्ता सुरेश नऱुआ और कुछ अन्य लोगों ने भी थेलर का ट्वीट रीट्वीट किया और नोटबंदी को सही बताने का प्रयास किया।
हालांकि, उनके ट्वीट पर कई बार उन्हें लोगों ने बताया भी। फिर भी मालवीय ने उसे डिलीट नहीं किया। पार्टी की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी उसे सबसे बाद में रीट्वीट किया। लेकिन जब पूरी बात संज्ञान में आई, तो उन्होंने उसे हटा लिया। आधा-अधूरा ट्वीट देख उसे पोस्ट करने पर यूजर्स ने उन्हें दूसरा ट्वीट दिखाया और कुछ यूं ट्रोल किया।
When Richard Thaler tweeted “really? Damn” he actually meant “गई भैस पाणीमे”