नोटबंदी से नहीं टूटी माआवोदियों की कमर? दस्तावेजों से खुलासा- आसानी से बदल लिए गए 500 व 1000 के नोट
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने नोटबंदी के वक्त दावा किया था कि इससे माओवादियों पर खासा असर पड़ेगा। लेकिन हाल में अबूझमाड़ में हुई मुठभेड़ के पास से मिले दस्तावेज बताते हैं कि माओवादियों ने नोटबंदी के दौरान आसानी से 500 और 1000 के पुराने नोट बदल लिए थे। छत्तीसगढ़ में नक्सल रोधी ऑपरेशंस के विशेष महानिदेशक डीएम अवस्थी ने इंडियन एक्सप्रेस को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नारायणपुर जिले में सात नवंबर को मुठभेड़ हुई थी, जहां छह माओवादियों के मारे जाने की खबर आई थी। घटनास्थल से कुछ कागज भी बरामद किए गए थे, जिनमें माओवादियों ने खर्च का हिसाब लिखा था। इतना ही नहीं, वे दबाव बना कर लोगों से अपने खातों में रुपए भी जमा कराते थे।
नेल्नार इलाके में रहने वाले माओवादी इस हिसाब-किताब को अपने पास रखते थे। घटनास्थल से बरामद हुए 20 पन्नों में एक जगह लिखा मिला, “नोटबंदी के दौरान दो लाख रुपए जमा किया।” जबकि उसमें कुल खर्च 46 हजार 720 रुपए किए जाने की बात का जिक्र है। खर्चों में आगे सिलाई मशीन खरीदे जाने की बात भी लिखी है। वह 16 हजार रुपए में खरीदी गई थी। हालांकि, सुरक्षाबलों के हमले में वह टूट गई थी। माओवादियों के इन खर्चों का यह हिसाब-किताब 2013 से लेकर 2017 तक का बताया जा रहा है।