नौ देशों की महिला राजदूतों ने अदाणी समूह की परियोजनाओं का किया दौरा, जानें किसने क्या कहा

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 से पहले एक विशेष कार्यक्रम में अदाणी ग्रुप ने गुजरात के खावड़ा और मुंद्रा में समूह की परियोजनाओं में नौ देशों की महिला राजदूतों के एक प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया, जहां उन्होंने भारत की क्लीन एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट की प्रगति को करीब से देखा. प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले पश्चिमी भारत के कच्छ जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र खावड़ा का दौरा किया, जहां भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी दुनिया का सबसे बड़ा क्लीन एनर्जी प्लांट विकसित कर रही है. पेरिस शहर से पांच गुना बड़े क्षेत्र में फैले इस 30 गीगावॉट के सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट से भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को स्वच्छ, किफायती और विश्वसनीय ऊर्जा के माध्यम से पूरा किया जाएगा. प्रतिनिधिमंडल ने देखा कि किस तरह इस परियोजना में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें महिला इंजीनियरों द्वारा संचालित एनर्जी नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर (ईएनओसी) भी शामिल है.
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक बंदरगाह, मुंद्रा पोर्ट का दौरा किया, जो देश के कुल समुद्री माल का लगभग 11% और कंटेनर ट्रैफिक का 33% संभालता है. यहां उन्होंने मुंद्रा स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एसईजेड) में स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) का निरीक्षण किया, जहां वैश्विक कंपनियां एडवांस मैन्युफैक्चरिंग में निवेश कर रही हैं.
इसके अलावा उन्होंने अदाणी ग्रुप के अत्याधुनिक सोलर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का भी दौरा किया, जो रिन्यूएबल एनर्जी में आत्मनिर्भरता के लिए भारत के प्रयास में एक प्रमुख परियोजना है. इन स्थानों पर राजदूतों ने भारत के इंडस्ट्रियल, इकोनॉमिक और एनर्जी ट्रांसफॉर्मेशन में योगदान देने वाली महिला पेशेवरों और इंजीनियरों से भी मुलाकात की. इससे यह स्पष्ट होता है कि देश के विकास में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है.
इन देशों की महिला राजदूत हुईं शामिल
इस प्रतिनिधिमंडल में भारत में इंडोनेशिया की राजदूत इना कृष्णमूर्ति, भारत में लिथुआनिया की राजदूत डायना मिकेविसिएन, भारत में मोल्दोवा की राजदूत आना तबान, भारत, नेपाल और बांग्लादेश में रोमानिया की राजदूत सना लतीफ, भारत में सेशेल्स गणराज्य की उच्चायुक्त लालाटिताना अकूशे, भारत में लेसोथो की उच्चायुक्त लेबोहांग वैलेंटाइन मोचाबा, भारत में एस्टोनिया की राजदूत मार्जे लूप, भारत में स्लोवेनिया की राजदूत भारत में मातेजा वोदेब घोष, भारत में लक्जमबर्ग की राजदूत पैगी फ्रांत्जेन शामिल थीं.
क्लीन एनर्जी प्लांट में महिलाओं की भूमिका
इन 7 एम्बेसेडर और दो हाई कमिशनर ने बंदरगाहों से लेकर ऊर्जा तक के क्षेत्र में काम करने वाले अदाणी फाउंडेशन द्वारा समर्थित स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिला सदस्यों के साथ भी बातचीत की. अदाणी ग्रुप ने इस डेलिगेशन के विजिट को लेकर एक बयान भी जारी किया है. इस बयान में अदाणी समूह ने कहा कि सात देशों की महिला एम्बेसडर और दो देशों की हाई कमिश्नर ने देखा कि रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट में अत्याधुनिक तकनीक को सतत विकास के साथ कैसे एकीकृत किया जा रहा है. इसमें महिला इंजीनियरों द्वारा चलाया जा रहा एनर्जी नेटवर्क सेंटर (ईएनओसी) भी शामिल है.
मुंद्रा पोर्ट, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर का किया दौरा
मुंद्रा पोर्ट देश के लगभग 11 प्रतिशत समुद्री माल और 33 प्रतिशत कंटेनर यातायात को संभालता है. एम्बेसडर ने मुंद्रा विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) का दौरा किया. यहां वैश्विक कंपनियां उन्नत विनिर्माण में निवेश कर रही हैं. रोमानिया की एम्बेसडर सना लतीफ ने कहा कि अदाणी फाउंडेशन का कार्यबल प्रभावशाली है. युवा इंजीनियरों को कैंपस से भर्ती कर लैब में लाया गया है. वे न केवल अपने परिवार को सपोर्ट कर रही हैं, बल्कि भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी हिस्सा ले रही हैं.
डेलिगेशन ने अदाणी ग्रुप को सराहा, किसने क्या कहा
रोमानियाई एम्बेसडर ने कहा कि ये पूरी दुनिया के लिए बहुत अच्छी खबर है. अदाणी समूह ने गैर-खेती योग्य भूमि को सोलर प्लांट, मैन्यूफैक्चरिंग साइट्स और फंक्शनल सिटीज में बदल दिया है, जिससे न केवल रोजगार पैदा हुए, बल्कि क्षेत्र और भारत के लिए एनर्जी भी मिली. उन्होंने आगे कहा कि रोमानिया भारत के साथ सहयोग करने के अवसरों की तलाश कर रहा है. लेसोथो की मोचाबा ने महिला इंजीनियरों से कहा कि मेरा आपके लिए ये मैसेज है कि एक महिला के रूप में आप जिस समाज में रह रही हैं, उसकी इंजीनियर हैं, अपने परिवार की इंजीनियर हैं. आपको बहादुर होना होगा, आपको फोकस करना होगा और महत्वपूर्ण भूमिकाओं में देश का नेतृत्व करना होगा.
‘यह प्रेरणादायक है’
लिथुआनिया की राजदूत डायना मिकेविसिएन ने कहा कि यह प्रेरणादायक है कि एक बंजर जमीन अचानक देश की सेवा के लिए मंच बन गई है. केवल सीमित समुदाय के लिए नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए. महिलाएं ग्रुप में ऑपरेशन लेवल से लेकर टॉप मैनजमेंट तक सभी पदों पर काम कर रही हैं. महिलाएं भारत के ग्रीन ट्रांसफोर्मेशन में सबसे आगे हैं. एसएचजी भी महिलाओं का सपोर्ट कर रहा है, जो विभिन्न हैंडीक्राफ्ट चीजें बनाती हैं और अपने परिवारों को चलाती हैं.
‘हमेशा बड़े सपने देखना सबसे जरूरी’
एस्टोनिया की राजदूत मार्जे लूप ने कहा कि महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में काम करते देखना बहुत दिलचस्प है. इतने बड़े पैमाने पर सोलर पैनल का उत्पादन और इसमें महिलाओं की भागीदारी देखना अद्भुत था. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय महिलाओं को मैसेज देते कहा कि हमेशा बड़े सपने देखना सबसे जरूरी है.
‘जो कहानियां देखीं, वे बहुत उत्साहजनक’
मोल्दोवा की राजदूत आना तबान ने कहा कि वह हर सेक्टर में ऊंचे पदों पर अधिक भारतीय महिलाओं को देखना चाहती हैं. अदाणी फाउंडेशन समर्थित एसएचजी से खरीदे गए उत्पाद उनकी तकदीर बदलेंगे और यह यात्रा यादगार होगी. लक्जमबर्ग की राजदूत पैगी फ्रांत्जेन भी इस प्रोजेक्ट और व्यवसाय के विकास में भाग लेने वाली कई युवा महिला इंजीनियरों को देखकर प्रभावित हुईं. स्लोवेनिया की एम्बेसडर मातेजा वोदेब घोष ने कहा कि हमने यहां जो कहानियां देखीं, वे बहुत उत्साहजनक हैं और ऐसा लगता है कि भारतीय महिलाएं तैयार हैं और वे आर्थिक विकास में शामिल होने और परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए प्रयास कर रही हैं.