पंचायत चुनाव : राज्यपाल, रक्षा मंत्री ने की सुरक्षा समीक्षा, घाटी के युवकों की आतंकी भर्ती से सरकार के कान खड़े
जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव की तैयारियों के दौरान हिंसा फैलाने के लिए आतंकी समूहों ने अपनी रणनीति बदलते हुए राज्य के ही युवकों को भर्ती करने की मुहिम शुरू की है। साथ ही, आतंकियों ने चुनाव की तैयारियों में जुट रहे लोगों को जानमाल के नुकसान की धमकियां पहुंचाना शुरू कर दिया है। आतंकियों की कोशिश अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने देश की गलत छवि पहुंचाने की है। इसके मद्देनजर आतंकियों ने अपनी रणनीति बदली है। खुफिया एजंसियों की इस तरह की सूचनाएं मिलने के बाद सेना और अन्य सुरक्षा एजंसियों ने प्रदेश में चौकसी बढ़ा दी है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने रविवार को श्रीनगर जाकर प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ बैठक कर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की।
खुफिया एजंसियों का इनपुट है कि पंचायत चुनाव में विध्न डालने के लिए आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू ने घाटी में ही रंगरूट (हैंडलर) भर्ती करने शुरू कर दिए हैं। उत्तर कश्मीर के हंदवाड़ा और कुपवाड़ा में उसने अपना अच्छा आधार तैयार कर लिया है। सीमा और नियंत्रण रेखा पर सेना और सुरक्षा बलों की चौकसी के बाद हिज्बुल समेत अन्य आतंकी संगठनों ने राज्य में ही रंगरूट तैयार करने शुरू किए हैं, जो पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दलों के लोगों को धमकाने लगे हैं और निशाने पर लेने की फिराक में हैं।
रक्षा मंत्री, राज्यपाल और रक्षा प्रमुख की बैठक में नियंत्रण रेखा और राज्य के अंदरूनी हिस्से में सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक से पहले रक्षामंत्री ने सुबह सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के साथ उत्तरी कश्मीर में सेना की एक अग्रिम चौकी का दौरा किया। वे बलबीर चौकी पर गईं और उन्होंने वहां 28 इंफैंट्री डिवीजन के सैनिकों के साथ बाचतीत की। वह इस चौकी पर पहुंचने वाली पहली रक्षा मंत्री हैं। रक्षा मंत्री और थल सेनाध्यक्ष सोमवार को भी घाटी में रहेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय से दी गई जानकारी के मुताबिक, रक्षामंत्री और थल सेनाध्यक्ष के साथ मुलाकात से पहले पुलिस महानिदेशक शीशपाल वैद्य ने राज्यपाल को सुरक्षा हालात की जानकारी दी।
राज्य में अक्तूबर-दिसंबर में पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव कराने की तैयारी चल रही है। इससे पहले सरकार की कोशिश सड़क नेटवर्क और रणनीतिक महत्व के राज्यों को दुरुस्त कर लेने की योजना है। आतंकियों के द्वारा नए हथकंडे अपनाए जाने की खुफिया जानकारी मिलने के बाद रक्षा मंत्री और थल सेनाध्यक्ष के दौरे की योजना बनाई गई। आतंकी संगठनों की तात्कालिक योजना यह भी है कि छह जुलाई को जब दिल्ली में अमेरिकी विदेश और रक्षा सचिवों के साथ भारतीय विदेश व रक्षा मंत्रियों की बैठक हो रही हो, तब कश्मीर में कुछ अप्रिय वारदात की जाए, जिससे भारत की छवि खराब हो सके।
जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव में गड़बड़ी के निर्देश सीमा पार भी जारी किए जा रहे हैं। चुनाव के मद्देनजर बड़े नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। लेकिन ऐसी चिंता जताई जा रही है कि निचले और मंझोले स्तर के नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए बाहर निकलने में खतरा महसूस होगा।