पंजाब: अमरिंदर के खिलाफ घोटाले की शिकायत में सबसे आगे थे सिद्धू, अब मिलने जा रही क्लीन चिट
पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू जब बीजेपी में थे तो वे सीएम अमरिंदर सिंह सरकार की गलतियां और उनके घोटाले को गिनाने में सबसे आगे रहते थे और अब वे उसी पार्टी की राज्य सरकार में मंत्री हैं। जब कैप्टन अमरिंदर सिंह पहली बार पंजाब के सीएम बने थे तो सिद्धू ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने एक दशक पहले हुए लुधियाना सिटी सेंटर में 1,144 करोड़ रुपए घोटाले का आरोप सिंह पर लगाया था। शनिवार यानि की आज इस केस की लुधियाना कोर्ट में सुनवाई है। 19 अगस्त को सतर्कता विभाग द्वारा इसे केस की क्लोजर रिपोर्ट जारी की गई थी जिसमें कैप्टन सिंह को यह कहते हुए क्लीन चिट दे दी गई कि ऐसा कोई घोटाला नहीं हुआ था और यह बस काल्पनिक है।
इसके साथ ही विभाग द्वारा पहले की जांच-पड़ताल की गई रिपोर्ट भी इस क्लोजर रिपोर्ट के साथ सौंपी गई है जिसके मुख्य शिकायतकर्ता सिद्धू और वरिष्ठ बीजेपी नेता अविनाश राय खन्ना थे। रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धू और खन्ना ने जाकर साराभा नगर पुलिस थाने में जाकर अमरिंदर और इस केस से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। वहीं जब इस घोटले को लेकर सूबे के सीएम पर लगे आरोपों के बारे में सिद्धू से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अब परिस्थिती बदल गई है। सिद्धू ने कहा की देश का कानून सर्वोच्च है और देश का प्रत्येक व्यक्ति इसके अधीन है। कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह अंतिम होगा तो उन्हें निर्णय लेने
वहीं दूसरी तरफ जब इसके बारे में बीजेपी नेता खन्ना से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह पंजाब और स्वतंत्र एजंसी का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला था और इसमें शामिल आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए। खन्ना ने कहा कि पिछले चार महीनों में ऐसा क्या हुआ जिसपर सतर्कता विभाग को इसमें कोई घोटाला नजर नहीं आ रहा है। पिछले दस साल से इसकी जांच चल रही थी और अचानकर ही विभाग ने यूटर्न लेते हुए कह दिया कि इसमें कोई घोटाला नहीं है।