पंजाब सीएम बोले- 1984 के सिख दंगों से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं, कुछ नेता निजी तौर पर संलिप्त
1984 के दंगों से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं था और पार्टी के कुछ नेता इसमें निजी तौर पर संलिप्त हो सकते हैं। यह बात पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने 27 अगस्त को राज्य विधानसभा में कही। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कुछ कांग्रेस नेताओं के नाम भी लिए और दावा किया कि दंगे के बाद शिविरों में उन्होंने उनके नाम सुने थे। राज्य में 2015 में धर्मग्रंथों से हुई बेअदबी के मामले में विधानसभा में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पेश किए जाने के कुछ समय बाद विपक्षी शिअद ने शून्य काल के दौरान 1984 के सिख विरोधी दंगों के मुद्दे को उठाया। अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘‘पार्टी के तौर पर कांग्रेस दंगों में कभी शामिल नहीं थी। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के बयान पर इस मुद्दे को उठाया। राहुल ने लंदन में हाल में कहा था कि पार्टी के रूप में कांग्रेस कभी भी दंगों में संलिप्त नहीं थी।
कांग्रेस प्रमुख का समर्थन करते हुए अमरिंदर सिंह ने मजीठिया से कहा कि दंगे के वक्त वह महज आठ वर्ष के थे। अमरिंदर ने कहा, ‘‘मुद्दे के बारे में आप क्या जानते हैं?’’ उन्होंने अकालियों को चेतावनी दी कि संवेदनशील मुद्दे पर सिखों की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करें। उन्होंने अकालियों पर आरोप लगाए कि वे अपनी सुविधा के मुताबिक दंगों के मुद्दे उठाते हैं। अमरिंदर ने सुखबीर सिंह बादल से भी कहा कि जब दंगे भड़के तब ‘‘आप कैलिफोर्निया के एक विश्वविद्यालय में थे। भाजपा और इसके गठबंधन सहयोगी अकाली दल ने आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर उनकी इस टिप्पणी को लेकर निशाना साधा कि वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों में उनकी पार्टी शामिल नहीं थी।
भाजपा और अकाली दल ने आरोप लगाया कि 1984 के नरसंहार में कांग्रेस की पूरी मशीनरी शामिल थी और उन्हें उनके पापों से मुक्ति नहीं मिल सकती। उन्होंने गांधी और उनके रुख का बचाव करने पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर हमला बोला और दावा किया कि अमरिंदर ने राज्य की जनता और देशभर के सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने दावा किया, अमरिंदर सिंह से यह उम्मीद नहीं थी। एक सिख होने के नाते उन्हें इस मुद्दे पर 1984 के नरसंहार के षड्यंत्रकारियों के साथ खड़ा नहीं होना चाहिए था। पंजाब के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव आर पी सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘एक या दो हाथ नहीं, पूरी कांग्रेस मशीनरी राष्ट्रीय राजधानी में सिखों के खिलाफ 1984 के नरसंहार में लिप्त थी।