पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में राम रहीम की अर्जी मंजूर, निचली अदालत के फैसले को दी है चुनौती, सीबीआई को नोटिस

पंजाब एवं हरियाणा होईकोर्ट ने दो साध्वियों से बलात्कार के दोषी ठहराए गए गुरमीत राम रहीम सिंह की अपील वाली अर्जी मंजूर कर ली है। अर्जी में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को चुनौती दी है और उसे रद्द करने की मांग की है। कोर्ट ने अर्जी मंजूर करते हुए सीबीआी को नोटिस जारी किया है। राम रहीम के वकील एस के गर्ग नरवाना ने बताया कि हाई कोर्ट ने अर्जी मंजूर करते हुए जुर्माने की रकम जमा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि अगर उनकी दलील सही होती है तो यह रकम सूद समेत वापस की जाएगी। बता दें कि पिछले महीने 28 अगस्त को पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही कोर्ट ने डेरा प्रमुख पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

दूसरी तरफ मामले में पीड़िता दोनों साध्वियों ने भी हाई कोर्ट में अपील दायर की थी कि राम रहीम की 20 साल की सजा को आजीवन कारावास में बदला जाय। हाई कोर्ट ने उन दोनों साध्वियों की अर्जी भी मंजूर कर ली है। उनकी अर्जी पर भी हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया है

आज अपील की अर्जी पर सुनवाई के दौरान गुरमीत राम रहीम सिंह के वकील ने निचली अदालत द्वारा जुर्माने की राशि जमा करने पर अंतरिम राहत देने की मांग की लेकिन हाईकोर्ट ने उसे ठुकरा दिया और निर्देश दिया कि मुआवजे की राशि सीबीआई कोर्ट में जमा करवाएं। ने कहा है। सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख पर 30 लाख का जुर्माना ठोका है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी राम रहीम ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी लेकिन तकनीकी कारणों से वह खारिज हो गया था। बलात्कारी बाबा राम रहीन ने वरिष्ठ वकील एसके गर्ग नरवाना के जरिये अपील याचिका में कहा था कि सीबीआई कोर्ट ने बिना उचित साक्ष्यों और गवाहों के उसे दोषी ठहराते हुए सजा दी है। डेरा प्रमुख ने दलील दी है कि एक गुमनाम पत्र के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर में शिकायतकर्ता का नाम तक नहीं था। उसके आधार पर सजा नहीं दी जा सकती है।

 

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