पटाखे पर बैन के बाद त्रिपुरा गवर्नर का ट्वीट- जल्द ही हिंदुओं के चिता जलाने पर भी लग सकती है रोक
दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन के बाद त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। तथागत रॉय ने कहा है कि हो सकता है प्रदूषण का हवाला देकर कल को हिन्दुओं के चिता जलाने पर भी रोक लगा दी जाए। गवर्नर तथागत रॉय ने ट्वीट किया, ‘कभी दही हांडी,आज पटाखा ,कल को हो सकता है प्रदूषण का हवाला देकर मोमबत्ती और अवार्ड वापसी गैंग हिंदुओं की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे।’ तथागत रॉय राजनीतिक सामाजिक मुद्दों पर अपनी मुखर राय के लिए जाने जाते हैं। बता दें कि 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का हवाला देकर दिवाली से पहले पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। इंडिया टुडे से बात करते हुए तथागत रॉय ने कहा कि एक हिन्दू होने के नाते उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराशा हुई है। क्योंकि अदालत ने हिन्दू समाज से दिवाली उत्सव का एक अहम हिस्सा छीन लिया है।
दिल्ली में पटाखे बैन करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है। लेखक चेतन भगत, पूर्व क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग, संघ विचारक राकेश सिन्हा ने अदालत के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। वहीं पर्यावरण से जुड़े संगठनों का कहना है कि दिल्ली की हवा को सांस लेने लायक बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला अहम है। चेतन भगत ने ट्वीट कर कहा कि आखिर हिन्दुओं के त्योहारों के साथ ही ऐसा क्यों होता है। चेतन भगत ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के कई और भी तरीके हैं, जैसे बिजली का कम उपयोग, एससी को बंद करना, इनपर भी अदालतों और स्वयंसेवी संगठनों का ध्यान जाना चाहिए।
तथागत इससे पहले तब विवादों में आ गये थे जब उन्होंने म्यांमार से भारत आए रोहिंग्या मुसलमानों को ‘कूडा’ करार दिया था। तथागत रॉय ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘कोई भी इस्लामिक देश या बांग्लादेश रोहिंग्या को स्वीकार नहीं करता है, लेकिन भारत जो कि दुनिया का महान धर्मशाला है वो इन्हें शरण देता है।’ तथागत रॉय के मुताबिक लेकिन अगर आप इन्हें ना कहते हैं तो आप अमानवीय कहे जाते हैं। उन्होंने आगे कहा था कि भारत को ‘रोहिंग्या कूडा’ को शरण नहीं देनी चाहिए ऐसा कहने पर उन्हें इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा ट्रोल होना पड़ा था। इससे पहले तथागत रॉय ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का हवाला देकर कहा था कि भारत में हिन्दू-मुस्लिम समस्या का हल गृहयुद्ध है। इस राय के लिए भी उनकी काफी आलोचना हुई थी।