पति-पत्नी के बीच बढ़ती शारीरिक दूरियों का कारण होता है वास्तु दोष, निपटने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय
बेडरुम घर का अभिन्न अंग माना जाता है, इसी में हम अपने जीवन का एक बड़ा समय व्यतीत करते हैं। बेडरुम का वास्तु घर के हर व्यक्ति के लिए अलग महत्व रखता है। दक्षिण-पश्चिमी दिशा में घर का मुख्य शयन कक्ष होना चाहिए जो घर के मालिक का हो सकता है। इसमें उस व्यक्ति को दक्षिण की तरफ सिर करके सोना चाहिए और पैर उत्तर की तरफ करने चाहिए। बच्चों का कमरा उत्तर-पश्चिम दिशा में होना लाभकारी माना जाता है। इसके लिए मान्यता है कि बच्चे पढ़ाई के लिए विदेश जा सकते हैं। जिन लोगों का कक्ष इस दिशा में होता है वो अपने घर से बाहर रहते हैं।
बेडरुम में यदि कोई ऐसी फोटो लगी है जिसमें 2 या 3 महिलाएं हैं तो ये वास्तु दोष का एक बड़ा कारण माना जाता है। इसी के साथ जहां पति-पत्नी का कमरा होता है वहां पर मंदिर बनवाना या रखना भी दोष को जन्म देता है। बेडरुम में पढ़ाई-लिखाई या टीवी देखने के कारण भी पति-पत्नी में दूरियां बढ़ती हैं। इसी के साथ दो बिस्तरों को जोड़कर सोना एक मुख्य समस्या मानी जाती है जिसके कारण पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध नहीं बन पाते हैं। इन दोषों को ठीक करने के लिए माना जाता है कि पत्नी को पति के बाईं तरफ सोना चाहिए और अपनी शादी की तस्वीरों को समय-समय पर देखते रहना चाहिए। अपनी तस्वीरों को उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। उत्तर और पूर्व दिशा में भी तस्वीरें लगाई जा सकती हैं।
बेडरुम में किसी भी तरह का इलेक्ट्रानिक सामान में रखने से बचना चाहिए, ये सामान पति-पत्नी में कलह उत्पन्न करते हैं। किसी जंगली जानवर की तस्वीर से घर में नकारात्मकता फैलती है और लड़ाई-झगड़े होने की संभावना रहती है। इसी के साथ माना जाता है ब्रह्मवैवर्तपुराण में कई ऐसे दिनों के बारे में बताया गया है, जिनमें स्त्री-पुरुष को संभोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से देवी-देवता नाराज होते हैं, जिस कारण घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है।