पत्रकारों के इस सवाल पर भड़के पूर्व CAG विनोद राय, पूछा- आप लोग क्रिकेट कवर करते हैं या 2जी?
पूर्व कैग और बीसीसीआई प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद राय ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में 17 लोगों को बरी किये जाने के अदालत के फैसले पर आज कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक सांसद कनिमोझी समेत 17 लोगों को 21 दिसंबर को एक विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में बरी कर दिया। राय उस समय भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक थे जब 2जी घोटाले पर रिपोर्ट दाखिल की गई थी। जब एक रिपोर्टर ने उनसे इस मामले पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा, “आप लोग क्रिकेट हैंडल करते हो या 2जी हैंडल करते हो।” इस मामले में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) सरकार को भारी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ी थी और 2014 संसदीय चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था।
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा को क्लीन चिट देते हुए विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी ने कहा था, “ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं जिससे यह साबित हो कि वह इस षडयंत्र में शामिल था।” सैनी ने अपने 1,552 पन्नों के फैसले में कहा, “यह दूरसंचार विभाग द्वारा ‘विभिन्न कार्यो और बिना कार्यो’ के पैदा की गई भ्रम की स्थिति है जिसने एक बड़े घोटाले का रूप धारण कर किया जबकि ऐसा हुआ ही नहीं था।”
सीबीआई ने राजा को इस मामले का मुख्य अभियुक्त बनाया था और 200 करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप में राजा को 15 माह की जेल की सजा भी काटनी पड़ी थी। विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने गुरुवार को कहा कि सात वर्ष तक सबूत का इंतजार करना ‘बेकार’ हो गया क्योंकि यह मामला मुख्यत: ‘अफवाह, चर्चा और अटकलों’ पर आधारित था। सैनी वर्ष 2011 की शुरुआत से 2जी मामले के सभी मुकदमों का निरीक्षण कर रहे हैं।
वहीं फैसले के बाद सीबीआई ने अपने बयान में कहा था, “सीबीआई मामले में आवश्यक कानूनी उपाय का सहारा लेगी और 21 दिसंबर 2017 को 2जी मामले में विशेष अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले के विरुद्ध उच्च न्यायालय जाने पर विचार कर रही है। फैसले का प्रथमदृष्टया अवलोकन किया गया है और इससे पता चलता है कि अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के ‘उचित परिप्रेक्ष्य’ पर सही से ध्यान नहीं दिया।”