पद्मावती: करणी सेना ने तोड़ा सिनेमा हॉल, ‘कमांडर’ लोकेंद्र सिंह कालवी का वसुंधरा राजे से रहा है 36 का आंकड़ा

करणी सेना के सदस्यों ने मंगलवार को बॉलीवुड निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के विरोध में एक सिनेमा हाल में तोड़फोड़ की है। घटना राजस्थान के कोटा शहर की है, जहां आकाश थिएटर में पद्मावती का ट्रेलर दिखाया गया था। करणी सेना के सदस्यों की यह हरकत कैमरे में कैद हो गई। वीडियो में देखा जा सकता है कि करणी सेना के सदस्य आकाश थिएटर के काउंटर और खिड़की के शीशे तोड़ रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना के बाद आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आईए इस मौके पर हम आपको बताते हैं, करणी सेना की कैसे हुई स्थापना, कौन हैं इसके प्रमुख और क्या रहा है इनका इतिहास…

संगठन राजपूत करणी सेना का जन्‍म राजपूत आरक्षण और भाजपा विरोध के तहत हुआ था। करणी सेना के गठन की नींव लगभग साढ़े 13 साल पहले पड़ी थी। उस समय लोकेंद्र सिंह कालवी ने भाजपा के बागी नेता देवी सिंह भाटी के साथ मिलकर सामाजिक न्‍याय मंच बनाया। इस मंच ने 2003 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। इसका मुख्‍य मुद्दा राजपूतों के साथ ही अन्‍य सवर्ण जातियों को आरक्षण देने का था। चुनावों में मंच को केवल एक सीट मिल पाई। देवी सिंह भाटी ही चुनाव जीत पाए और बाद में वे भाजपा में चले गए।

वहीं कालवी ने राजपूत करणी सेना बना ली। कालवी का वसुंधरा राजे से हमेशा से 36 का आंकड़ा रहा। राजे के राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री के पहले कार्यकाल के दौरान कई बार कालवी ने करणी सेना की रैलियां की और आरक्षण की मांग की। इसके तहत जयपुर में एक बड़ी सभा का आयोजन भी हुआ। लेकिन राजपूत नेताओं में बिखराव के चलते यह असफल हो गया। कालवी आरक्षण के मुद्दे पर राजपूतों को एक होने की मांग बुलंद करते रहे हैं।

2008 के विधानसभा चुनावों से पहले कालवी कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्‍हें उम्‍मीद थी कि वे विधानसभा या बाद में लोकसभा का टिकट मिल जाएगा। लेकिन कांग्रेस ने उन्‍हें उम्‍मीदवार नहीं बनाया। इसके बाद कालवी काफी समय के लिए हाशिए पर चले गए लेकिन करणी सेना काम करती रही। साल 2014 में लोकसभा चुनावों से पहले कालवी बसपा के साथ आ गए। लेकिन इस बार भी वे चुनावी समर में नहीं आए। कालवी ने एक बार बाड़मेर-जैसलमेर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन उन्‍हें हार मिली। इस सीट से उनके पिता कल्‍याण सिंह कालवी सांसद चुने गए थे। कल्‍याण सिंह केंद्र में चंद्रशेखर की सरकार में मंत्री थे। करणी सेना का मुख्‍य आधार जयपुर, नागौर, सीकर जिलों में है। हालांकि राजस्‍थान के सभी जिलों में कार्यकारिणी बना रखी है

यह संगठन पहली बार विवादों में नहीं है। इस संगठन ने 2008 में आशुतोष गोवारिकर की फिल्‍म जोधा अकबर को लेकर भी विरोध जताया। विरोध के चलते जोधा-अकबर राजस्‍थान में रिलीज नहीं हो पाई थी। करणी सेना की स्‍थापना लोकेंद्र सिंह कालवी ने साल 2006 में थी। इसके गठन के समय मुख्‍य आधार आरक्षण था। लेकिन इसके बाद बाद 11 प्रमुख उद्देश्‍य तय किए गए। इनमें इतिहास से छेड़छाड़ पर सख्‍ती से विरोध, राजपूत आरक्षण, राजपूतों में एकता, राजपूत महिलाओं को शिक्षा देने और आत्मनिर्भर बनाने की बातें शामिल थीं। हालांकि ज्‍यादातर समय इस संगठन का नाम गलत कारणों से ही सामने आता है। इसके सदस्‍यों ने जोधा-अकबर सीरियल को लेकर जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में एकता कपूर पर हमला कर दिया था। साथ ही जयपुर में जी न्‍यूज के दफ्तर में भी तोड़फोड़ और पत्रकारों से मारपीट की थी।

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