पद्मावत पर रोक नहीं, कल से दिखाई जाएगी
सुप्रीम कोर्ट ने विवादित फिल्म पद्मावत के देश में प्रदर्शन पर रोक लगाने से मनाकर दिया है। मंगलवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कड़े शब्दों में कहा कि लोगों को यह निश्चित तौर पर समझना चाहिए कि उन्हें शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करना ही होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी के अपने आदेश में इस फिल्म को 25 जनवरी को रिलीज करने पर सहमति दी थी। मंगलवार को एक बार फिर हुई सुनवाई के बाद अदालत ने गुजरात और राजस्थान में पद्मावत के प्रदर्शन पर लगी रोक को स्थगित करके फिल्म रिलीज का रास्ता साफ कर दिया है। इस पीठ में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाइ चंद्रचूड़ शामिल हैं।
पीठ ने कहा, लोगों को निश्चित तौर पर यह समझना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया है। उन्हें इसका पालन करना ही होगा। कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्यों की जिम्मेदारी है। राज्यों की अर्जी खारिज करते हुए पीठ ने कहा, हम अपने आदेश में संशोधन करने के इच्छुक नहीं हैं। पीठ ने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की फिल्म पर रोक लगाने की याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं। करणी सेना लगातार फिल्म के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है।
सुनवाई के दौरान राज्यों की ओर से पेश हुए एडीशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने फिल्म दिखाए जाने पर कानून-व्यवस्था बिगड़ने की दलील दी। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, कुछ लोग फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए सड़क पर उतर जाएं और कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न करें, यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। हम अपने आदेश में कोई बदलाव नहीं करेंगे। राज्य लोगों को सलाह दे सकते हैं कि अगर उन्हें पसंद नहीं है तो वे फिल्म न देखें। मेहता ने कहा कि फिल्म रिलीज के बाद समस्याएं पैदा हो सकती हैं। कुछ जगहों पर अभी ही शांति भंग जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ और खानविलकर ने कहा कि अगर ऐसे हालात पैदा होते हैं तो वे फिर से अपील कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि फिल्म की रिलीज के दौरान कानून-व्यवस्था बनी रहे, यह राज्यों सरकारों को तय करना चाहिए।