पनामा पेपर लीक: नवाज शरीफ को झटका, पाक सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया रिव्यू पिटीशन

पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने पनामा पेपर्स मामले में 28 जुलाई को आए फैसले के खिलाफ अपदस्त प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके बच्चों की समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया। डॉन ऑनलाइन के अनुसार, अदालत ने सभी याचिकाकर्ताओं के वकीलों की बहस पूरी होने के बाद समीक्षा याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने मामले की सुनवाई की। इस मामले में अदालत के 28 जुलाई को आए फैसले में नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ कर दिया गया था। मालूम हो कि यह तीसरी बार था जब 67 वर्षीय शरीफ का प्रधानमंत्री का कार्यकाल बीच में ही खत्म हो गया।

अदालत ने शरीफ के बच्चों बेटे हुसैन और हसन और बेटी मरियम नवाज, दामाद मोहम्मद सफदार और वित्त मंत्री मोहम्मद डार के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के आरोप तय करने के निर्देश दिए थे। वहीं, नवाज ने समीक्षा याचिका दायर करते समय कहा था कि उन्होंने 2013 के चुनाव के नामांकन पत्रों में अपने दस्तावेजों को नहीं छुपाया था, जिसके लिए उन्हें अदालत ने बेईमान और अविश्वसनीय करार देते हुए अयोग्य घोषित किया है। अपने आवेदन में शरीफ ने यह भी कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत बिना मुकदमा चले उन्हें अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है।

गौरतलब है कि नवाज का नाम पनामा पेपर में आया था। मामला 1990 के दशक में उस वक्त धनशोधन के जरिए लंदन में सपंत्तियां खरीदने से जुड़ा है जब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री बने थे। शरीफ के परिवार की लंदन में इन संपत्तियों का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ। इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का धन लगा हुआ है और इन कंपनियों का स्वामित्व शरीफ की संतानों के पास है। इन संपत्तियों में लंदन स्थित चार महंगे फ्लैट शामिल हैं।

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