पप्पू यादव की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, बोले- बिहार में बढ़ गई हत्या, दुष्कर्म, जातीय और सांप्रदायिक हिंसा
जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मंगलवार को बिहार में ‘कमजोर हो चुकी प्रशासनिक व्यवस्था’ और अन्य संवदेनशील मुद्दों को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की और बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। सांसद ने राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा और कहा कि चुनावी जनादेश के खिलाफ गठित ‘अलोकतांत्रिक सरकार’ से आम जनों का भरोसा उठ गया है। सांसद ने नंदन गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हमले मामले की न्यायिक जांच, दलितों पर बढ़ते अपराध को रोकने के लिए टास्क फोर्स, नियोजित शिक्षकों को नियमित वेतनमान तथा संविदाकर्मियों को समान काम के लिए समान वेतन देने की मांग की।
सांसद ने बाद में संवाददाताओं से कहा, “राज्य में प्रशासिनक विफलता का आलम ये है कि पिछले दिनों हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, फिरौती, जातीय और सांप्रदायिक हिंसा में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। यह राज्य सरकार की वेबसाइट से भी स्पष्ट है।” उन्होंने बक्सर के नंदन गांव का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यक लोगों पर प्रशासनिक और सरकार संपोषित अपराधियों का तांडव बढ़ रहा है। नंदन गांव में दलित और आम जनों को झूठे मुकदमे में जेल भेजा गया और बिना महिला पुलिस के देर रात उनके घरों में घूसकर महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया गया।
यादव ने राज्य सरकार पर आर्थिक अराजकता का आरोप लगाया और कहा कि राज्य में कई तरह के घोटाले हुए, जिनमें सरकारी खजानों की लूट हुई। उन्होंने मानव श्रृंखला बनाने के नाम पर करोड़ों रुपए के बंदरबांट का भी आरोप लगाया। निजी स्कूलों और कोचिंग द्वारा आम छात्रों के आर्थिक शोषण और राज्य में हर तरह की परीक्षा में धांधली के सवाल को उठाते हुए सांसद ने कहा कि बिहार लोकसेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली गई परीक्षाओं का परिणाम प्रकाशित नहीं होने पर राज्य के नौजवान हताश और निराश हो गए हैं। सांसद ने बिहार में मेडिकल माफियाओं के बारे में भी राज्यपाल से विस्तार से चर्चा की और निजी नर्सिंग होम व लैब को बंद कराने की मांग की।