परिवार में तल्खी के 1 साल बाद फिर से एक साथ दिखे मुलायम और अखिलेश

परिवार में तल्खी के कारण एक-दूसरे से दूर रहने के लंबे सिलसिले के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी संस्थापक उनके पिता मुलायम सिंह यादव को गुरुवार को सार्वजनिक कार्यक्रम में एक साथ देखा गया। मौका था समाजवाद के प्रणेता डॉक्टर राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि का। अखिलेश और मुलायम स्थानीय लोहिया पार्क में लोहिया को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। बाद में दोनों ने मीडिया फोटोग्राफरों से एक साथ खड़े होकर फोटो भी खिंचवाई। 25 अगस्त को सपा से अलग होने की नौबत को टालने वाले मुलायम और उनके बेटे अखिलेश के रिश्तों में आई ‘मुलायमियत’ का ही शायद नतीजा था कि सपा अध्यक्ष ने सार्वजनिक रूप से अपने पिता के पैर छुए और दावा किया कि उन पर उनके पिता का आशीर्वाद बना हुआ है।

इसके पूर्व, मुलायम ने अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ लोहिया ट्रस्ट कार्यालय जाकर भी डॉक्टर लोहिया को श्रद्धांजलि दी। बाद में, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने सपा कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं पर अपना ठप्पा लगा कर उनका उद्घाटन कर रही है। मुलायम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर कोई पिता अपने बेटे की गलतियों को नजरअंदाज करता है, तो बेटा गुमराह हो जाता है। हर परिवार में वैचारिक मतभेद होता है। हालांकि, अखिलेश ने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं कहा।

सपा अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं का वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का आह्वान करते हुए कहा कि हमारे पास अब खोने को कुछ नहीं है। हम अब सिर्फ हासिल ही करेंगे। प्रदेश की जनता सपा को वापस लाने के मौके का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि हमें वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भी तैयारी शुरू करनी होगी। राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार विकास का कोई काम नहीं कर रही है और लोगों को अब यह मालूम हो चुका है। अखिलेश ने ‘बिना तैयारी’ के जीएसटी लागू करके व्यापारी समुदाय के लिए दुश्वारियां खड़ी करने का आरोप लगाते हुए केंद्र पर हमला भी किया।

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