परीक्षा पर चर्चा कर रहे थे पीएम नरेंद्र मोदी, जानवरों को बांधने की जगह दलित छात्रों को बिठाया
अश्वनी शर्मा। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा कर रहे थे। परीक्षा से पहले छात्रों का हौसला बढ़ा रहे थे। उसी दौरान हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम को देखने के लिए दलित छात्रों को कथित रूप से घोड़े रखने की जगह पर बिठा दिया गया। ये दलित छात्र एक सरकारी हाई स्कूल के थे। रिपोर्ट के मुताबिक कुल्लू के चेस्ता ग्राम पंचायत में स्थित इस स्कूल प्रशासन ने पीएम के कार्यक्रम को छात्रों को लाइव दिखाने के लिए स्कूल प्रबंधन समिति के प्रमुख के घर में व्यवस्था की थी। 16 फरवरी की शाम को कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर को भेजे गये शिकायती पत्र में कुछ छात्रों ने कहा कि मेहर चंद नाम के एक शिक्षक ने उन्हें उस कमरे से बाहर बैठने को कहा जहां टीवी रखा हुआ था। छात्रों ने कहा, “दलित विद्यार्थियों को उस स्थान पर बैठने को कहा गया, जहां पर घोड़े रखे जाते थे।” छात्रों ने कहा कि उन्हें चेतावनी दी गई थी कि वे कार्यक्रम के बीच में बाहर ना निकलें।
हिन्दी में लिखे गये शिकायती पत्र में छात्रों ने कहा कि उन्हें स्कूल में भी भेदभाव का शिकार होना पड़ता है और हेडमास्टर भी ऐसा ही करते हैं। छात्रों का कहना है कि अनुसूचित जाति के छात्रों को जबरन अलग बिठाया जाता है। इस मामले के सामने आने के बाद कुछ दलित संगठनों ने हेडमास्टर राजन भारद्वाज और कुल्लू के शिक्षा विभाग के उप निदेशक के सामने प्रदर्शन किया। दलित संगठन का कहना है कि हेडमास्टर ने इस मामले में अपनी गलती मान ली है और माफी भी मांगी है, साथ ही भविष्य में ऐसा ना करने की गारंटी दी है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
राज्य के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज नने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। शिक्षा मंत्री ने कहा, “मैंने शिक्षा विभाग के सचिव को रिपोर्ट भेजने और कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, मुझे भी पता चला है कि मिड डे मील के दौरान दलित छात्रों के साथ भेदभाव किया जाता है, अगर यह सच है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” इस मामले में डिप्टी कमिश्नर ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिये हैं।