पहलाज निहलानी की बेबसी झलकी, सीबीएफसी को बताया कंफ्यूज संस्था
कुछ ही दिनों पहले सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए गए निहलानी ने हाल ही में इस पूरे मामले को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। पहलाज निहलानी का कहना है कि सेंसर बोर्ड के दिशानिर्देश के अनुसार कहीं भी ऐसा नहीं कहा गया है कि फिल्म में कट नहीं लगाए जा सकते हैं। आपको बता दें कि काफी समय से फिल्में में कटों को लेकर सोशल मीडिया सहित कई जगहों पर पहलाज निहलानी को ट्रोल भी किया जा रहा था। कुछ हा समय पहले आई शाहरुख खान की फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ में ‘इंटरकोर्स’ शब्द को लेकर काफी बवाल हुआ था जिसके बाद निहलानी ने बंगाली फिल्म में इस शब्द को पास कर दिया था।
इस पर निहलानी का कहना है कि शाहरुख के फैंस बच्चे भी हैं और पेरेंट्स नहीं चाहेगें कि बच्चे ऐसे शब्दो के मायने छोटी उम्र में ही जानें इसलिए वो इस शब्द को फिल्म से हटाना चाहते थे।
पढ़े- सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर बोले निहलानी, ‘अपने काम पर कोई पछतावा नहीं है’
हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान निहलानी ने कहा, ‘एक चीज मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीबीएफसी में ऐसा कोई दिशानिर्देश नहीं है जिसमें कहा गया कि फिल्म को कट नहीं दिए जाएंगे। इसके बावजूद भी मेरे ऊपर लगातार दवाब बनाया गया कि फिल्म को कट नहीं देने हैं सिर्फ सर्टिफिकेट देना है।’
मेरे जानें का जश्न मनाओ
पहलाज निहलानी
इसके आगे बात करते हुए निहलानी बोले, ‘सीबीएफसी अपने दिशानिर्देशों को लेकर कंंफ्यूज है। हमें कुछ ऐसे दिशानिर्देश बनाने चाहिए जिनसे इस संस्था का विकास हो। बिना ऐसा किए इस संस्था का भला नहीं हो सकता।’
कुछ ही दिनों पहले पहलाज निहलानी को इस पद से हटाकर प्रसून जोशी के हाथों में सेंसर बोर्ड की कमान सौंपी गई है।
पढ़े- विद्या बालन बनीं सेंसर बोर्ड की मेंबर, तो क्या अब फिल्मों के आएंगे अच्छे दिन?
निहलानी ने कहा, ‘मैं समझ सकता हूं कि मेरे हटाए जाने से अनुराग कश्यप काफी खुश हैं हालांकि उन्होंने कभी खुलकर मेरा विरोध नहीं किया। मुझे भरोसा है कि मेरे हटने के बाद वो जश्न मना रहे होंगे। उनकी जिंदगी में खुशियां लाकर मुझे अच्छा लगा।’