पहली बार महिला के हाथ में है देश के मिसाइल प्रोजेक्ट की कमान, कलाम के साथ कर चुकी हैं काम
डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट अॉर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के एडवांस सिस्टम लेबोरेटरी की डायरेक्टर टेसी थॉमस को देश की पहली मिसाइल वुमन कहा जा रहा है। ‘अग्नि पुत्री’ के नाम से मशहूर टेसी भारत के मिसाइल प्रोजेक्ट्स की अगुआई करने वाली पहली महिला हैं। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन अॉफ इंडिया कहा जाता है। इतना ही नहीं टेसी हैदराबाद में चल रहे ग्लोबल आंत्रप्रेन्योर समिट 2017 में भी लोगों को संबोधित करेंगी। इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप भी हिस्सा ले रहे हैं। फाइनेंशल एक्सप्रेस के मुताबिक उम्मीद है कि इस समिट में टेसी बता सकती हैं कि कैसे उन्होंने वैज्ञानिकों के लिए सीखने वाला वातावरण और सूचना आदान-प्रदान करने वाला प्लेटफॉर्म तैयार किया।
टेसी का जन्म केरल के अलाप्पुझा में साल 1963 में हुआ था। उनके पिता एक छोटे व्यवसायी थे और मां हाउस वाइफ थीं। उन्होंने कलीकट यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल में बीटेक किया है। इसके बाद पूना यूनिवर्सिटी से एमई (गाइडेड मिसाइल) किया। वह अॉपरेशंस मैनेजमेंट में एमबीए और मिसाइल गाइडेंस में पीएचडी कर चुकी हैं। साल 1988 में डॉ टेसी थॉमस ने डीआरडीओ जॉइन किया, जहां उन्होंने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के साथ काम किया।
फिलहाल टेसी बलिस्टिक मिसाइल की एक्सपर्ट हैं और डीआरडीओ के अग्नि-4 और अग्नि 5 मिसाइलों की प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। मंगलवार को बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने कहा था कि टेसी को किसी बॉलीवुड एक्टर से ज्यादा मशहूर होना चाहिए। ग्लोबल आंत्रप्रेन्योर समिट-2017 की स्पीकर लिस्ट के मुताबिक टेसी ने मिसाइल डिजाइन, इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट, प्रोसेस एंड प्रॉडक्ट डिवेलपमेंट में अहम रोल निभाया है। उन्हें पांच यूनिवर्सिटीज से डॉक्टर अॉफ साइंस की उपाधि मिल चुकी है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्यमियों के तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मंगलवार को उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके पर वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे भारत में निवेश के अनुकूल माहौल का फायदा उठाएं। जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ने कहा कि कई विकासशील और विकसित देशों में अभी महिलाओं के लिए न्यायसंगत कानूनों के संदर्भ में बहुत कुछ करना बाकी है।