पहली से पांचवीं तक के बच्चों को ‘चाचा चौधरी और मोदी’ पढ़वाएगी महाराष्ट्र सरकार, भड़का विपक्ष

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार बच्चों की पढ़ाई को ‘मार्केटिंग के औजार’ की तरह इस्तेमाल कर रही है। सुले ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘शिक्षा एक गंभीर विषय है। मार्केटिंग के औजार की तरह इसका इस्तेमाल शर्मनाक है।’ सुले अपने साथ ‘चाचा चौधरी और नरेंद्र मोदी’ नाम की किताब की प्रतियां लाई थीं। इस किताब की कीमत 35 रुपये है। इसे डायमंड कॉमिक्स ने प्रकाशित किया है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से पांचवीं क्लास के बच्चों को सहायक सामग्री के तौर पर बंटवाने के लिए राज्य सरकार ने इन्हें खरीदा है। राज्य सरकार ने पीएम मोदी पर आधारित इन किताबों की हजारों प्रतियां खरीदकर स्कूलों में बंटवाई हैं।

सुले ने कहा, ‘किताब में स्वच्छता को लेकर संदेश है, जो एक अच्छी बात है। लेकिन अगर उन्हें स्वच्छता का संदेश देने के लिए किसी हस्ती की जरूरत थी तो उन्होंने संत गाडगे महाराज को क्यों नहीं इस्तेमाल किया? क्या वर्तमान सरकार को लगता है कि श्रीमान मोदी ही सिर्फ एक ऐसे शख्स हैं जो इसके बारे में बात कर सकते हैं?’ शिक्षा एक बेहद अहम और संवेदनशील मुद्दा है। दुर्भाग्य की बात है कि वर्तमान सरकार इसे राजनीतिक विज्ञापनबाजी के लिए इस्तेमाल कर रही है। इतने सालों में हमने कभी ऐसा नहीं किया क्योंकि हमें लगता है कि कम से कम शिक्षा जैसे मुद्दों को इससे दूर रखना चाहिए।’

सुले ने आगे कहा कि हाल ही में उन्हें पता चला कि इन किताबों को स्कूलों में बांटा जा रहा है। सुले के मुताबिक, वह इस बात पर विचार कर रही हैं कि राज्य सरकार के इस कदम को रोकने के लिए कोई कानूनी या दूसरा रास्ता अख्तियार किया जा सकता है कि नहीं। बता दें कि केंद्र सरकार के सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को सहायक पाठ्य सामग्री के तौर पर कुछ पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन किताबों को स्कूलों की लाइबब्रेरी में रखा जाएगा ताकि खाली वक्त में बच्चे इन्हें पढ़ सकें। सुले का आरोप है कि बीजेपी सर्व शिक्षा अभियान का पैसा अपने प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देने में खर्च कर रही है।

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