पांचों पांडवों द्वारा एक ही पत्थर से इस शिव मंदिर और शिवलिंग का निर्माण करने की है मान्यता

मध्य प्रदेश अपने कई प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। पर्यटक पूरे साल इस राज्य की धार्मिक यात्रा पर जाते रहते हैं। हम आपको आज मध्य प्रदेश के एक ऐसे ही प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि पांचों पांडवों द्वारा एक ही पत्थर से इसका निर्माण किया गया था। बताते हैं कि पांडवों ने मंदिर के अलावा उसी पत्थर से एक शिवलिंग का निर्माण भी किया था। इस मंदिर को पंचदेहरिया महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पांडवों ने लाल रंग के पत्थर से इसका निर्माण किया था। बता दें कि यह मंदिर मध्य प्रदेश के आगर जिले के सुसनेर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां पर रुके थे। कहते हैं कि भीम ने भगवान शंकर की आराधना के लिए एक लाल पत्थर को काटकर इस मंदिर का निर्माण किया था। इसके साथ ही भीम ने उसी शिला से एक शिवलिंग का भी निर्माण किया। यह कहा जाता है कि पांडवों ने इस मंदिर का पंचदेहरिया महादेव का नाम देते हुए यहां शिव जी की साधना की थी। यही वजह है कि इस मंदिर को आज भी पांडवकालीन पंचदेहरिया महादेव मंदिर के नाम से ही जाना जाता है।

ऐसा बताते हैं कि पांडवों ने रहने के लिए इस मंदिर के पास ही कुछ गुफाएं भी बनाई थीं। इन गुफाओं को आज भी यहां पर देखा जा सकता है। मालूम हो कि पिछले कुछ सालों में इस शिव मंदिर के स्वरूप में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। हालांकि मंदिर का मूल स्वरूप वहीं है जो महाभारत के समय था। हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां एक दिवसीय मेला लगता है। इस मेले का हिस्सा बनने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से यहां पर आते हैं। ऐसी मान्यता है कि सावन मास में इस मंदिर में शिव जी आराधना करने पर मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।

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