पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को हुई यह गंभीर बीमारी
पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज के गले में कैंसर रोग होने का पता चला है। पाकिस्तानी समाचार चैनलों ने ब्रिटेन के चिकित्सकों के हवाले से यह जानकारी दी। कुलसुम ने शरीफ को पनामा पेपर्स मामले में 28 जुलाई को शीर्ष न्यायालय द्वारा अयोग्य ठहराये जाने के बाद नेशनल एसेंबली के लिए पर्चा भरा था। जियो न्यूज ने अनाम सूत्रों के हवाले से बताया कि कुलसुम का इलाज कुछ दिनों में शुरू होगा। खबर के मुताबिक कुलसुम की उम्र करीब 65 साल है। वह मेडिकल जांच के लिए अचानक ही लंदन रवाना हुई थी। समा टीवी की खबर के मुताबिक कुलसुम के डॉक्टरों का मानना है कि गले के कैंसर का इलाज हो सकता है। हालांकि, उनके स्वास्थ्य के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
गौरतलब है कि नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया है। उनको प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनको दोषी करार दिया है। नवाज का नाम पनामा पेपर में आया था। यह मामला 1990 के दशक में उस वक्त धनशोधन के जरिए लंदन में सपंत्तियां खरीदने से जुड़ा है जब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री बने थे। शरीफ के परिवार की लंदन में इन संपत्तियों का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ। इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का धन लगा हुआ है और इन कंपनियों का स्वामित्व शरीफ की संतानों के पास है। इन संपत्तियों में लंदन स्थित चार महंगे फ्लैट शामिल हैं।
यह तीसरी बार है जब 67 वर्षीय शरीफ का प्रधानमंत्री का कार्यकाल बीच में ही खत्म हो गया। सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) को भी आदेश दिया कि वह शरीफ, उनके बेटों हुसैन एवं हसन और बेटी मरियम के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला शुरू करे। उसने यह भी आदेश दिया कि छह हफ्ते के भीतर मामला दर्ज किया जाए और छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जाए। रेडियो पाकिस्तान के अनुसार वित्त मंत्री इसहाक डार और नेशनल असेंबली के सदस्य कैप्टन मुहम्मद सफदर को भी पद के अयोग्य ठहराया।
वह पाकिस्तान के सबसे रसूखदार सियासी परिवार और सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन के मुखिया हैं। इस्पात कारोबारी-सह-राजनीतिज्ञ शरीफ पहली बार 1990 से 1993 के बीच प्रधानमंत्री रहे। उनका दूसरा कार्यकाल 1997 में शुरू हुआ जो 1999 में तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ द्वारा तख्तापलट किए जाने के बाद खत्म हो गया। सर्वोच्च न्यायालय ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए इसी साल मई में संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया था। जेआईटी ने गत 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी थी।