पाकिस्तान के शॉर्ट-रेंज वाले परमाणु हथियारों से निपटने के लिए सेना को मिल सकता है ये ‘अस्त्र’
भारत के रक्षा संस्थानों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी की धमकी को गंभीरता से लिया है। पाक पीएम अब्बासी ने गुरुवार (21 सितंबर) को कहा था कि उनके देश ने “शॉर्ट-रेंज वाले परमाणु हथियार” बना लिये हैं। कम दूरी तक मार करने वाले इन परमाणु हथियारों को पाकिस्तान रणनीतिक हथियार बताता है। मेल टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास पिनाक रॉकेट को कम दूरी वाले परमाणु हथियारों को रुप में विकसित करने का विकल्प है। सरकार के सूत्रों ने कहा कि अगर रक्षा प्रतिष्ठानों को निर्देश दिया जाए तो वे पिनाक को पाकिस्तान के शॉर्ट-रेंज वाले परमाणु हथियारों के विकल्प के रूप में तैयार कर सकते हैं। पाकिस्तान कम दूरी तक मार करने वाले इन परमाणु हथियारों अपनी रणनीतिक ताकत बताता है। एक सूत्र के मताबिक पाकिस्तान चीन के सहयोग से बनाये गये इन हथियारों के बल पर शेखी बघारता रहता है, वर्तमान में भारत के हथियारों के जखीरे में शॉर्ट-रेंज वाले परमाणु हथियार नहीं है। लेकिन अगर आदेश होता है तो पिनाक को परमाणु अस्त्र ले जाने में सक्षम बनाया जा सकता है।
सामरिक परमाणु हथियारों (टैक्टिकल न्यूक्लियर वीपंस) में कम दूरी के मिसाइल, परमाणु हमला करने में सक्षम टॉरपीडो, और तोपखाने के गोले आते हैं। इन हथियार के इस्तेमाल पर एक सीमित दूरी में भयानक विध्वंस होता है। सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार ने अभी तक संबंद्ध एजेंसियों को पिनाक को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलों के रूप में विकसित करने को नहीं कहा है।
पिनाक रॉकेट को डीआरडीओ ने मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर के रूप में विकसित किया है। पिनाक रॉकेट दुश्मन के टैंक और दूसरी गतिशील चीजों को 70 से 80 किलोमीटर में ढेर कर सकता है। इस रॉकेट में नेवीगेशन सिस्टम, गाइडेंस और कंट्रोल किट लगा हुआ है। पिनाक रॉकेट मार्क-II से एक बार में 12 रॉकेट मात्र 44 सेकेंड में फायर किये जा सकते हैं। इस दौरान 1.2 टन उच्च ज्वलनशीन विस्फोट का इस्तेमाल होता है। इस हमले का असर चार वर्ग किलोमीटर के दायरे में होता है। करगिल युद्ध के वक्त पिनाक रॉकेट के पहले वर्जन ने अपनी दक्षता साबित की थी। जब पहाडों पर दुश्मन के ठिकानों को नेस्तानाबूद करने में इन रॉकेटों का अहम रोल था।