पाकिस्तान चुनाव में अहम मुद्दा नहीं रहा कश्मीर, प्रमुख पार्टियों के घोषणापत्र में नाममात्र का उल्लेख

कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के लिए दशकों से अहम मुद्दा रहा है। दोनों देशों के राजनीतिक दल आम चुनावों में इस मसले को भुनाने से भी नहीं चूकते हैं। भारत-पाक के प्रमुख पार्टियों के चुनावी घोषणापत्रों में कश्मीरों को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता रहा है। लेकिन, लगता है सीमा पार भी बदलाव ने करवट लेनी शुरू कर दी है। पाकिस्तान में इसकी बानगी दिखने लगी है। दरअसल, पड़ोसी देश में इस महीने के अंत में संसदीय चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने घोषणापत्र जारी कर जनता को रिझाने की कोशिश शुरू कर दी है। इसमें आमतौर पर उन मसलों को जगह दी जाती है, जिससे मतदाताओं को आकर्षित किया जा सके। पाकिस्तानी जनता के बीच कश्मीर का मुद्दा हमेशा से अहम रहा है। इसे सुलझाने के लिए संभावित रोडमैप पेश करने वाली पार्टियों को आमलोगों का समर्थन मिलता रहा है, लेकिन इस बार फिजां कुछ बदली-बदली सी है। ‘इकोनोमिक टाइम्स’ के अनुसार, इस बार के चुनावी घोषणापत्रों में कश्मीर को ज्यादा तवज्जो नहीं दिया गया है।

पाकिस्तान के विभिन्न राजनीतिक दलों ने कश्मीर मुद्दे का नाममात्र के लिए उल्लेख किया है। कश्मीर को लेकर आक्रामक तेवर अपनाने वाले इमरान खान की अगुआई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ (पीटीआई) के सुर भी बदले-बदले से हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी के घोषणापत्रों में भी इस बार कश्मीर मसले को ज्यादा प्रमुखता नहीं दी गई है। प्राय: सभी दलों ने संयुक्त राष्ट्र के मानकों के अनुरूप विवाद का हल निकालने की बात कही है।

पाकस्तान का इस बार के आम चुनाव में पीएमएल-एन और पीटीआई के बीच जबर्दश्त टक्कर होने की संभावना जताई जा रही है। इमरान खान की पार्टी को सेना के ज्यादा करीब और कश्मीर मसले पर बेहद सख्त रुख के लिए जाना जाता है। पीटीआई ने 58 पृष्ठों का मैनिफेस्टो जारी किया है, जिसमें महज दो बार कश्मीर का उल्लेख है वो भी बुकलेट के अंत में। इमरान खान ने चार प्रमुख बाहरी मुद्दों का उल्लेख किया है, जिसमें कश्मीर को तीसरे नंबर पर जगह दी गई है। पीटीआई ने वर्षों से चले आ रहे कश्मीर विवाद को सुलझाने लेने के लिए एक ब्लूप्रिंट पर काम करने का वादा किया है। पीएमएल-एन ने अपने चुनवी घोषणापत्र में कश्मीर के साथ फलस्तीन और म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय का भी उल्लेख किया है। पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी ने कहा कि उनकी पार्टी कश्मीर की दबाई-कुचली गई जनता के साथ है। पीएमएल-एन चुनावों के लिए 10 मुद्दों को सूचीबद्ध किया है, जिसमें कश्मीर को नौवें पायदान पर स्थान दिया गया है। पीपीपी ने भारत के साथ संबंधों को सुधारने के मुद्दे को प्राथमिकता दी है। साथ ही भारत के साथ वार्ता की प्रक्रिया को सतत तरीके से चलाने की भी वकालत की है।

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