पाकिस्तान से आए हिंदुओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगाई मदद की गुहार
पाकिस्तान से आए हिंदुओं के जत्थे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। उन्हें पांच दिन का ही वीजा दिया गया है। इस दौरान वे सिर्फ अमृतसर ही जा सकेंगे। उन्होंने पीएम मोदी से वीजा अवधि को 15-20 दिनों तक के लिए बढ़ाने की गुहार लगाई है, ताकि अन्य धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा-अर्चना कर सकें। दरअसल, पाकिस्तान के कराची शहर से 142 हिंदू तीर्थयात्रियों का जत्था भारत के दौरे पर आया है। इन्हीं में से एक चंपा बाई ने कहा, ‘भारत आने का उद्देश्य तीर्थयात्रा करना है। मैं हरिद्वार और वृंदावन भी जाना चाहती हूं। हमलोग अपने-अपने मृत माता-पिता के लिए धार्मिक अनुष्ठान भी करना चाहते हैं। इसलिए हमलोगों ने अपने साथ अस्थि-कलश भी लाए हैं, जिन्हें हम गंगा में प्रवाहित करना चाहते हैं। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीजा अवधि को 15-20 दिनों के लिए बढ़ा देंगे।’ चंपा के साथ आए हिंदू समुदाय के अन्य लोगों ने भी ऐसी ही इच्छा जताई है। चंपा ने कहा कि उन्हें सिर्फ अमृतसर की यात्रा करने के लिए पांच दिन का वीजा दिया गया है। मालूम हो कि मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के तहत आते हैं। भारत समय-समय पर पाकिस्तानी हिंदुओं को तीर्थयात्रा के लिए वीजा देता रहता है।
सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी पाकिस्तानी हिंदुओं के जत्थे की वीजा अवधि बढ़ाने की मांग का समर्थन किया गया है। पीके. चावला ने लिखा, ‘सुषमा स्वराज को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए…उनके लिए (पाकिस्तानी हिंदू) कम से कम हमलोग इतना तो कर सकते हैं।’ रोहिणी कुलकर्णी ने ट्वीट किया, ‘सुषमा स्वराज जी कृपया पाकिस्तान के इन हिंदुओं की मदद करें।’ तमु ने लिखा, ‘हमारी शुभकामनाएं हैं कि आप लोगों का वीजा एक्सटेंड हो जाए।’ एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, ‘उन्हें (पाकिस्तानी हिंदुओं) स्थाई नागरिकता दे देनी चाहिए।’ राज ने ट्वीट किया, ‘नरेंद्र मोदी जी अगर इनका काम नहीं होता है तो आपके प्रधानमंत्री होने से हिंदुओं को कोई फायदा नहीं।’ पाकिस्तान में हिंदू समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है, लेकिन जबरन धर्मांतरण और अत्याचार के कारण उनकी आबादी लगातार घटती जा रही है। सिंध प्रांत के अलावा पाकिस्तान के अन्य राज्यों में अक्सर हिंदुओं का धर्मांतरण कराने की खबरें आती रहती हैं। यहां तक कि धार्मिक स्थलों पर भी हमले कर उन्हें नष्ट करने की कोशिश की जाती है। सरकार की बेरुखी के कारण उन्हें अक्सर ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हिंदू के साथ ईसाई समुदाय के लोगों को भी प्रताड़ित करने की खबरें आती रहती हैं।