पाकिस्तान से भाग भारत आई महिला को 26 साल बाद मिली नागरिकता, बीजेपी में शामिल

साल 1990 में पाकिस्तान के सिंध से गुजरात भागकर आई 41 वर्षीय डिंपल वीरंदानी अब बीजेपी में शामिल हो गई हैं। डिंपल को भारत की नागरिकता प्राप्त करने में 26 साल लग गए थे। वह जब भारत आई थी तब केवल 13 साल की थी। डिंपल का कहना है कि इतने साल से भारत की नागरिकता प्राप्त करने के संघर्ष ने उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है। पड़ोसी देश में हिंदू अल्पसंख्यकों के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार के मुकाबले बीजेपी में ज्यादा सहानुभूति है। डिंपल ने बताया कि उसके माता-पिता कैसे चार बच्चों को लेकर 1990 में अहमदाबाद आ गए थे।

1999 में डिंपल ने एक हिंदू से शादी की और फिर वे दुबई शिफ्ट हो गई लेकिन भारत की नागरिकता पाने के लिए उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार डिंपल ने बताया भारत के वाणिज्य दूतावास ने उसे बताया था कि शादी के पांच साल बाद नागरिकता प्राप्त करने के लिए वह आवेदन दे सकती है। डिंपल के अनुसार “पांच साल बाद जब मैंने अप्लाई किया तो नियम बदल दिए गए और नागरिकता प्राप्त करने की अवधि को शादी के सात साल बाद कर दिया गया। शादी के सात साल बाद जब मैं वापस भारत आई तो मैंने फिर से नागरिकता लेने के लिए आवेदन दिया लेकिन यूपीए सरकार ने उसे रिजेक्ट कर दिया। वहीं जब साल 2016 में एनडीए की सरकार में फिर से मैंने आवेदन दिया तो उसे स्वीकार कर लिया गया”।

डिंपल ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही निराशाजनक था कि माता-पिता और भाई-बहनों को साल 2002 में नागरिकता दे दी गई। इतना ही नहीं सिवाए मेरे पति और बच्चों के पास भी भारतीय नागरिकता थी और इसके लिए मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा। एक साल पहले भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के बाद डिंपल पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर बीजेपी में शामिल हुईं, जो कि अब आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए कैंपेन करेंगी। डिंपल ने कहा मैं किसी भी प्रकार के धार्मिक लाइन पर कमेंट नहीं करना चाहूंगी लेकिन यह सच है कि मैं खुद को बीजेपी की सत्ता में महफूज समझती हूं।

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