पाकिस्तान को कंगाली से उबारने के लिए सरकारी जमीनें तक बेचने को मजबूर हुई इमरान सरकार, जानिए पूरा मामला
नई दिल्ली/इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सरकार अपनी देश को कंगाली से उबारने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रही है. इसी कवायद में नए कदम के तहत प्रधानमंत्री इमरान खान नीत सरकार ने मंगलवार को निर्णय लिया कि देश की अपंग अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और राजस्व पाने के उद्देश्य से विभिन्न संघीय मंत्रालयों और संबद्ध विभागों की अरबों रुपये की संपत्तियां बेची जाएगी.
पाकिस्तानी अखबार डॉन की वेबसाइट में प्रकाशित खबर के अनुसार, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से मीटिंग की जानकारी साझा करते हुए सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि सरकार ने संघीय मंत्रालयों और संबद्ध विभागों की संपत्तियों को बेचने का फैसला किया है, जो उपयोग में नहीं हैं.
उन्होंने आगे कहा कि “प्रधानमंत्री इमरान खान ने निपटान के लिए मंत्रालयों की संपत्तियों की सूची मांगी है.” मंत्री ने कहा कि मंत्रालयों ने पहले ही अपनी सूचियों को अंतिम रूप दे दिया है और उन्हें संघीय कैबिनेट में भेज दिया है.
यह पूछे जाने पर कि उचित परिसमापन प्रक्रिया को अपनाए बिना सरकार अपनी संपत्ति कैसे बेच सकती है, इस पर चौधरी ने कहा कि ऐसी सभी संपत्तियों के निपटान के लिए सरकार पहले एक समान नीति अपनाएगी, क्योंकि हर सार्वजनिक संगठन की अपनी निपटान नीति थी, जिनकी वजह से उपयोग में नहीं आ रही संपत्तियों के निपटान की सरकार की योजना में बाधा आ रही थी. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने कहा, “यूनिफॉर्म पॉलिसी कानूनी तौर पर संपत्तियों को बेचने के लिए एक तौर-तरीकों को भी बताया जाएगा.
सूचना मंत्री ने कहा कि सरकारी संपत्ति बेचने के लिए मंत्री जुल्फी बुखारी, अली जैदी, मुराद सईद, अली अमीन गंडापुर और हम्माद अजहर की एक समिति बनाई गई है.