पापमोचनी एकादशी: मोक्ष प्राप्ति के लिए की जाती है विष्णु भगवान की पूजा, जानिए व्रत विधि
चैत्र मास की कृष्ण एकादशी को पापमोचनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। हिंदू शास्त्र में इस एकादशी को बहुत महत्व होता है। माना जाता है इस दिन व्रत रखने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस साल यह एकादशी 13 मार्च को है। इस एकादशी को पापों को नष्ट करने वाली एकादशी भी कहा जाता है। कहा जाता है इस दिन भक्ति भाव के साथ व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार इस एकादशी के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। माना जाता है इस दिन भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। पापमोचनी एकादशी के बारे में विस्तृत जानकारी स्कन्द पुराण में दी गई है।
व्रत विधि – दशमी यानी 12 मार्च की रात को फलाहार भोजन करें। इसके बाद एकादशी के दिन जल्दी उठकर स्नादि करके भगवान विष्णु का ध्यान रखकर व्रत रखें। घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु से से पाप मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। इसके पश्चात “ओम नमो भगवते वासुदेवाए” मंत्र का 108 बार पाठ करें। इसके बाद भागवत कथा का पाठ करें।
इसके बाद रात को हल्का फलाहार लें और रातभर जागरण करें। भगवान विष्णु की महिमा का गान, भजन आदि करें। द्वादशी के दिन जल्दी उठकर नारायण पूजन के बाद गरीबों को भोजन खिलाकर व्रत तोड़ें।